Garud Puran: धार्मिक ग्रंथों में कुल 18 महापुराण का वर्णन मिलता है, जिन सभी का अपना महत्व है। हालांकि 18 में से गरुड़ केवल एक ऐसा पुराण है, जिसे पढ़ना वर्जित है। जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित गरुड़ पुराण को केवल तभी पढ़ा जाता है, जब घर के किसी सदस्य की मृत्यु होती है। मान्यता है कि 13 दिन तक घर में गरुड़ पुराण पढ़ने से मरने वाले व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
धर्म विशेषज्ञों के अनुसार, गरुड़ पुराण में मरने के बाद की कई कड़वी सच्चाइयों का उल्लेख है। इसमें मरने से पहले मिलने वाले संकेतों के बारे में भी बताया गया है। आज हम आपको गरुड़ पुराण में बताई गई उन चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका मरने से पहले दिखना शुभ नहीं होता है।
मृत्यु से पहले इन चीजों का दिखाई देना है अशुभ
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु से ठीक पहले बार-बार पानी, तेल और घी का दिखना शुभ नहीं माना जाता है। इन संकेतों का संबंध व्यक्ति के कर्मों से होता है। ऐसे लोगों के स्वर्ग की जगह नरक में जाने की संभावना ज्यादा होती है।
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मरने से पहले मिलते हैं ये संकेत
गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने वाली होती है तो घर में लगे पेड़-पौधों में काली चीटियां लगने लगती हैं। एक भी पेड़ सही नहीं रहता है। जहां फूल मुरझाने लगते हैं, वहीं पौधे खराब हो जाते हैं। इसके अलावा शीशे में अपनी परछाईं न दिखना और मरे हुए लोगों का जिंदा दिखाई देना भी व्यक्ति के अंतिम समय का संकेत माना जाता है।
जिन लोगों ने जीवनभर बुरे कर्म किए होते हैं, मरने से पहले उनका मन मचलने लगता है। मन में गलत-गलत विचार आने लगते हैं और बुरे कर्म याद आते हैं। साथ ही बार-बार यमदूत दिखाई देते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।