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Religion

गलती से गणेश चतुर्थी पर दिख जाए चंद्रमा तो करें ये काम, नहीं होगा कोई नुकसान

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखना शास्त्रों में वर्जित माना गया है। साल 2025 में यह 27 अगस्त को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन चांद देखने से व्यक्ति पर कलंक लगता है। इस कारण गणेश चतुर्थी के दिन चांद नहीं देखा जाता है। इसके बावजूद अगर आपने गलती से चांद देख लिया है तो कुछ उपायों को करने इससे होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Updated: Aug 19, 2025 18:46
ganesh chaturthi 2025
Credit- pexels

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी, हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। एक प्राचीन मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चांद देखने से बचना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन चांद गलती से भी देख लेने से व्यक्ति का कलंक का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही कई प्रकार की परेशानियां भी झेलनी पड़ सकती हैं।

साल 2025 में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त की दोपहर 1 बजकर 54 पर शुरू होगी और यह 27 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 44 तक रहेगी। इस कारण इन दोनों ही दिन चांद देखने से बचना होगा। वहीं, अगर आपको गलती से चांद दिख जाए तो कुछ आसान से उपायों को अपना सकते हैं।

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क्यों नहीं देखा जाता है गणेश चतुर्थी के दिन चांद?

गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखने की मनाही का उल्लेख पद्म और स्कंद पुराण में मिलता है। इस मान्यता के पीछे एक पौराणिक कथा है। कथा के अनुसार, एक बार गणेश जी अपने वाहन मूषक पर सवार होकर जा रहे थे। चंद्रमा ने उनके गजमुख और विशाल रूप को देखकर हंसी उड़ाई और उपहास किया। इससे क्रोधित होकर भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया कि जो भी व्यक्ति भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चंद्रमा को देखेगा, उसे मिथ्या कलंक (झूठा आरोप) का सामना करना पड़ेगा। इस श्राप के कारण ही गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखना वर्जित माना गया है।

पद्म पुराण में यह भी कहा गया है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से व्यक्ति को अनचाहे दोष और सामाजिक अपमान का सामना करना पड़ सकता है।

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भगवान श्रीकृष्ण पर लगा था झूठा आरोप

मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी एक बार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देख लिया था। जिसके बाद स्यमंतक मणि की चोरी का झूठा आरोप सहना पड़ा था।

सावधानी बरतना है आवश्यक

शास्त्रों के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देखने से मिथ्या दोष लगता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को सामाजिक रूप से अपमान, गलतफहमी या झूठे आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। यह दोष न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि परिवार और सामाजिक रिश्तों पर भी असर डाल सकता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार इस दिन चंद्रमा का दर्शन अनजाने में भी हो जाए तो यह दोष लग सकता है, इसलिए सावधानी बरतना आवश्यक है।

दोष से बचने के लिए करें ये उपाय

यदि गणेश चतुर्थी के दिन अनजाने में चंद्रमा दिख जाए, तो शास्त्रों में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर इस दोष से बचा जा सकता है। ये उपाय सरल और प्रभावी हैं, जो भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने में सहायक होते हैं।

करें मंत्र जाप

चंद्रमा देखने के बाद तुरंत इस मंत्र का 21 बार जाप करें।

‘सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमंतकः।’

यह मंत्र श्रीकृष्ण द्वारा स्यमंतक मणि की चोरी के दोष से मुक्ति के लिए जप किया गया था। इसे जपने से मिथ्या दोष का प्रभाव कम होता है।

गणेश जी की पूजा

चंद्रमा देखने के बाद भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें। गणेश जी को दूर्वा, मोदक और लड्डू अर्पित करें। इसके साथ ही, गणेश गायत्री मंत्र का जाप करें। ‘ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।’ इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं और दोष का निवारण होता है। इसके साथ ही गणेश जी से क्षमा याचना करें।

जरूरतमंदों को दें दान

दोष निवारण के लिए गरीबों को अन्न, वस्त्र या मिठाई का दान करें। विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और दोष का प्रभाव कम होता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Aug 19, 2025 06:46 PM

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