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Lakshmi Ganesh Puja: दिवाली पर इन 7 अन्न से करें लक्ष्मी-गणेश की पूजा, धन-धान्य से भरा रहेगा घर

दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा में सप्त धान्य यानी इतने महत्वपूर्ण क्यों होते हैं? जानिए कौन से हैं ये 7 पवित्र अन्न जो धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं और इन्हें पूजा में कैसे करें शामिल?

Author Written By: Shyamnandan Author Published By : Shyamnandan Updated: Oct 20, 2025 18:31
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Lakshmi Ganesh Puja: दिवाली केवल दीप जलाने और मिठाइयों का ही पर्व नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा और समृद्धि को आमंत्रित करने का अवसर है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है. पूजा में प्रयुक्त सात विशेष अनाज यानी सप्त धान्य का विशेष महत्व होता है. लक्ष्मी-गणेश की पूजा में अर्पित इन सभी 7 अनाजों के बेहद पवित्र माना जाता है और हर अन्न का एक विशेष अर्थ है. मान्यता है कि इन सात अनाजों को मां लक्ष्मी को अर्पित करने से धन, सौभाग्य, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. आइए जानते हैं, ये 7 अन्न कौन-कौन से हैं और पूजन में इनका उपयोग कैसे करें?

सप्त धान्य का महत्व और अर्थ

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  1. गेहूं

गेहूं को समृद्धि और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक माना जाता है. दिवाली पूजन में मां लक्ष्मी को गेहूं अर्पित करने से जीवन में निरंतर धन-प्रवाह बना रहता है और परिवार की आर्थिक नींव मजबूत होती है.

  1. चावल (अक्षत)

चावल पवित्रता, अखंडता और शुभता का प्रतीक है. पूजन में अक्षत चढ़ाने से घर में शांति का वास होता है, मानसिक तनाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है.

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  1. जौ

जौ सुख, ऐश्वर्य और वैदिक परंपराओं से जुड़ा हुआ एक पवित्र अन्न है. इसे लक्ष्मी पूजन में चढ़ाने से व्यक्ति को भौतिक सुखों के साथ-साथ आध्यात्मिक संतुलन भी प्राप्त होता है, जिससे जीवन समरस बनता है.

  1. चना

चना बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और ज्ञान, बुद्धि एवं धन की वृद्धि में सहायक होता है. चना अर्पित करने से घर में गुरु का आशीर्वाद बना रहता है और निर्णय लेने की शक्ति मजबूत होती है.

  1. मूंग

मूंग स्वास्थ्य, हरियाली और सौभाग्य का प्रतीक है. मूंग चढ़ाने से रोग और शोक दूर होते हैं, साथ ही परिवार में सुख-शांति और जीवन में संतुलन बना रहता है.

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  1. तिल

तिल नकारात्मकता को नष्ट करने वाला, शुद्धि और सुरक्षा प्रदान करने वाला अन्न है. लक्ष्मी पूजन में तिल का प्रयोग करने से नजर दोष, वास्तु दोष और मानसिक अशांति जैसे दुष्प्रभाव दूर होते हैं.

  1. उड़द

उड़द विशेष रूप से धन, शक्ति और लक्ष्मी कृपा का प्रतीक है. इसे पूजा में शामिल करने से रुके हुए कार्यों में गति आती है, आर्थिक बाधाएं समाप्त होती हैं और लक्ष्मी जी की विशेष अनुकंपा प्राप्त होती है.

सात आवश्यकताओं के प्रतीक हैं 7 अनाज

आपको बता दें कि हिन्दू संस्कृति में सप्त धान्य न केवल परंपरा का हिस्सा हैं, बल्कि वे जीवन की सात प्रमुख आवश्यकताओं, धन, शांति, सुख, बुद्धि, स्वास्थ्य, सुरक्षा और प्रगति, का प्रतीक भी हैं. इस दिवाली, यदि आप इन अन्नों को श्रद्धा के साथ मां लक्ष्मी को अर्पित करते हैं, तो आपके घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का स्थायी वास होगा.

पूजन में इन अन्नों का उपयोग कैसे करें?

कलश स्थापना के नीचे रखें: लाल या पीले कपड़े पर इन अनाजों की छोटी ढेरी बनाकर उसके ऊपर कलश स्थापित करें. यह भूमि से जुड़े ऊर्जा केंद्रों को जाग्रत करता है.

थाली में सप्त धान्य अर्पण करें: एक थाली में सातों अनाज को स्वच्छ करके सजाएं और पूजा के दौरान देवी-देवताओं को समर्पित करें.

सामूहिक ढेरी बनाएं: मूर्तियों या तस्वीरों के सामने सात छोटी ढेरियां बनाएं और हर ढेरी के पास दीपक जलाएं.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Oct 20, 2025 06:31 PM

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