Chanakya Niti: आज हजारों साल के बाद भी चाणक्य की शिक्षाएं और नीतियां उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी की पुराने जमाने में थीं. चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में ऐसी संगति से दूर रहना जो आपके आत्मविश्वास और भविष्य को कमजोर करे, सबसे बड़ी बुद्धिमानी है. चाणक्य ने कहा है कि इंसान की असली पहचान उसके कर्मों से होती है, न कि जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति से. जीवन में हमें कई तरह के लोग मिलते हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग होते हैं जो हमारे विकास और खुशियों के रास्ते में बाधा डाल सकते हैं. ये लोग इंसान की जड़ों को खोखला कर देते हैं. आइए जानते हैं, इनकी पहचान कैसे करें?
मीठी बातें करने वाले
ऐसे लोग हमेशा आपको तारीफों और झूठी मिठास में फंसाने की कोशिश करते हैं. शुरुआत में ये दोस्त लगते हैं, लेकिन असल में ये आपकी कमजोरी और भरोसे को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं. चाणक्य का कहना है कि झूठी तारीफ करने वाले व्यक्ति का मकसद अक्सर आपके मन में भ्रम पैदा करना और आपको नुकसान पहुंचाना होता है. ऐसे लोगों से बचने का सबसे आसान तरीका है, उनकी बातों का विश्लेषण करें और यदि उनकी तारीफों के पीछे कोई लाभ छिपा है, तो सतर्क हो जाएं.
गलत फैसलों में प्रोत्साहन देने वाले
कुछ लोग आपकी तरक्की देखकर जलते हैं और हर गलत निर्णय में आपका साथ देने लगते हैं. ये आपको आसान, लेकिन गलत रास्ता चुनने की सलाह देते हैं. चाणक्य ने इसे ‘असली दोस्त की पहचान’ का उल्टा उदाहरण बताया है. यदि कोई बार-बार आपको जोखिमपूर्ण या नैतिक रूप से गलत मार्ग अपनाने के लिए उकसा रहा है, तो समझ जाइए कि यह व्यक्ति आपके विकास का दुश्मन है.
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दूसरों की बुराई करने वाले
जो लोग दूसरों के बारे में लगातार नकारात्मक बातें करते हैं, उनके असली इरादों पर संदेह करना चाहिए. ऐसा व्यक्ति कल आपके बारे में भी उसी तरह की बातें करेगा. ऐसे लोगों से बातचीत में हमेशा तथ्य और साक्ष्य पर ध्यान दें. चाणक्य नीति के अनुसार, बिना किसी कारण दूसरों की आलोचना करने वाले व्यक्ति पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है.
मन में कपट रखने वाले
कुछ लोग अपने मन की बात किसी के सामने नहीं रखते. उनके शब्द और भाव अलग, लेकिन उनके इरादे गुप्त रूप से नकारात्मक हो सकते हैं. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखना ही सबसे सुरक्षित है. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति की सच्चाई पहचानने का तरीका है, उनकी छोटी-छोटी हरकतों और प्रतिक्रियाओं को नोट करना.
भेदभाव करने वाले
चाणक्य नीति बताती है कि जो व्यक्ति दूसरों को अलग दृष्टिकोण से देखता है और भेदभाव करता है, उसके साथ घुल-मिलकर रहना नुकसानदेह होता है. चाणक्य के अनुसार इंसान का मूल्य उसके कर्म से तय होता है, न कि बाहरी गुणों से. इसलिए अपने जीवन में समानता और न्यायप्रियता रखने वाले लोगों का चयन करें. यह न सिर्फ मानसिक शांति देता है, बल्कि सही दोस्ती और सहयोग को भी सुनिश्चित करता है.
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