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Chaitra Amavasya 2024: काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए सोमवती अमावस्या पर करें ये चमत्कारी उपाय

Chaitra Amavasya 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की अमावस्या तिथि 8 अप्रैल को है। इस दिन कई सारे उपाय किए जाते हैं। माना जाता है कि अमावस्या के दिन काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय किए जाते हैं। आइए उन उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Apr 4, 2024 09:58
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Chaitra Amavasya 2024

Chaitra Amavasya 2024 Upay: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन ही अमावस्या की तिथि पड़ती है। बता दें कि चैत्र माह में अमावस्या की तिथि 8 अप्रैल को है। चैत्र अमावस्या के दिन भगवान श्री विष्णु और शिव जी की पूजा विधि-विधान से की जाती है। साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या का दिन काल सर्प दोष, पितृ दोष दोष और नाग दोष के मुक्ति के लिए सबसे उत्तम बताया गया है। हर माह के अमावस्या तिथि पर काल सर्प दोष का निवारण किया जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि कुंडली में काल सर्प दोष कब लगता है, काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए कौन से मंत्र का जाप कर सकते हैं। साथ ही किन-किन उपायों को करके काल सर्प दोष से मुक्ति पा सकते हैं।

कुंडली में कब लगता है काल सर्प दोष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक कुंडली में बारह भाव होते हैं। वहीं जब बारह भावों में राहु और केतु के शुभ और अशुभ रहने पर कुंडली में काल सर्प दोष लगता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काल सर्प दोष के कई प्रकार होते हैं। मान्यता है कि जब भी किसी जातक की कुंडली में काल सर्प दोष लगता है तो व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं। साथ ही व्यक्ति परेशान हो जाता है।

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कालसर्प दोष निवारण के मंत्र

ओम क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु कुरु स्वाहा ।।

ओम नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नमः।।

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ओम नव कुलाय विध्महे विषदन्ताय धी माहि तन्नो सर्प प्रचोदयात

“ओम क्लीम आस्तिकम् मुनिराजम नमोनमः” ।।

कालसर्प दोष निवारण के उपाय

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र माह के अमावस्या तिथि के दिन स्नान-ध्यान करें और भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव की पूजा करने के बाद चांदी या तांबे से निर्मित नाग या नागिन को बहती नदी में प्रवाहित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से कुंडली से काल सर्प दोष दूर हो जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि आप काल सर्प दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो अमावस्या तिथि के दिन स्नान-ध्यान करें और महादेव को गंगाजल से अभिषेक करें। अभिषेक करने के बाद शिव चालीसा का पाठ करें।

यदि आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है, तो आपको चैत्र अमावस्या के दिन राहु और केतु के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि राहु-केतु के बीज मंत्र का जाप करने से काल सर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

राहु-केतु के बीज मंत्र

ओम रां राहवे नमः और ॐ क्र केतवे नमः

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यता पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Written By

Raghvendra Tiwari

First published on: Apr 04, 2024 09:58 AM

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