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Religion

बौद्ध भिक्षु संघ के अध्यक्ष भदंत ज्ञानेश्वर का निधन, 10 नवंबर तक होंगे पार्थिव शरीर के दर्शन

Bhadant Dnyaneshwar Passes Away: बौद्ध भिक्षु संघ के अध्यक्ष भदंत ज्ञानेश्वर का निधन हो गया. लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली. आज दोपहर तक उनके पार्थिव शरीर को कुशीनगर लेकर जाया जाएगा, जहां पर 10 नवंबर तक उनके अंतिम दर्शन होंगे.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Oct 31, 2025 16:12
Bhadant Dnyaneshwar Passes Away
Credit- Social Media

Bhadant Dnyaneshwar Passes Away: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष भदंत ज्ञानेश्वर का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया. लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली. आज 31 अक्टूबर 2025 को दोपहर तक उनका पार्थिव शरीर कुशीनगर के बर्मी बुद्ध विहार पहुंचेगा, जहां पर 10 नवंबर तक लोग उनके पार्थिव शरीर के दर्शन कर पाएंगे. इसके बाद बौद्ध रीति-रिवाजों के हिसाब से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. हालांकि, उनके निधन से भिक्षु संघ और भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई है.

20 दिन से चल रहा था इलाज

बीते कुछ समय से भदंत ज्ञानेश्वर की तबीयत खराब चल रही थी, जिसके बाद उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. करीब 20 दिन से उनका इलाज यहां चल रहा था. हालांकि, वो कौन-सी बीमारी से ग्रस्त थे, अभी इसकी जानकारी सामने नहीं आई है.

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म्यांमार बुद्ध विहार के थे पीठाधीश्वर

बौद्ध भिक्षु संघ के अध्यक्ष भदंत ज्ञानेश्वर वर्मा देश (म्यांमार) के मूल निवासी थे, लेकिन कई वर्षों से कुशीनगर में रहकर बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार का कार्य कर रहे थे. वो भदंत म्यांमार बुद्ध विहार के पीठाधीश्वर भी थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान बुद्ध के करुणा और शांति के संदेश को फैलाने में समर्पित किया था.

सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि

बसपा प्रमुख मायावती ने भी दी श्रद्धांजलि

देश के सर्वोच्च धार्मिक सम्मान से किया गया था सम्मानित

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन केंद्र के रूप में पहचान दिलाने में बौद्ध भदंत ज्ञानेश्वर की अहम भूमिका रही है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. बता दें कि दो वर्ष पहले म्यांमार की सरकार ने भदंत ज्ञानेश्वर को विशिष्ट धार्मिक उपाधि ‘अभिध्वजा महारथा गुरु’ से अलंकृत किया था. ये देश का सर्वोच्च धार्मिक सम्मान है, जिसे पाने वाले भदंत ज्ञानेश्वर पहले भारतीय थे.

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First published on: Oct 31, 2025 11:21 AM

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