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Bhai Dooj 2025: 22 या 23 अक्टूबर, भाई दूज कब? जानें तिथि, तिलक करने का मुहूर्त और विधि

Bhai Dooj 2025 Date: दिवाली के पांच दिवसीय पर्व का समापन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज के साथ होता है. इस दिन बहनें अपने भाई का टीका करके उनकी लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं. आइए जानते हैं इस बार भाई दूज का पर्व कब मनाया जाएगा और तिलक करने का शुभ मुहूर्त क्या है.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Sep 23, 2025 09:16
Bhai Dooj 2025
Credit- News24 Graphics

Bhai Dooj 2025 Date & Time: हिंदुओं के लिए भाई दूज के पर्व का खास महत्व है. साल में दो बार ये पर्व मनाया जाता है. एक होली के बाद और दूसरा दिवाली के दो से तीन दिन बाद. द्रिक पंचांग के अनुसार, दिवाली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है, जिसे भैय्या दूज, भाऊ बीज, भात्र द्वितीया, भतरु द्वितीया, यम द्वितीया और भाई द्वितीया आदि के नामों से भी जाना जाता है.

इस दिन बहनें अपने भाइयों को टीका करके उनकी लंबी आयु और खुशहाल जीवन की प्रार्थना करती हैं. वहीं, भाई अपनी बहनों को गिफ्ट देते हैं. चलिए जानते हैं साल 2025 में किस दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा. साथ ही आपको तिलक करने के शुभ मुहूर्त के बारे में पता चलेगा.

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भाई दूज 2025 में कब?

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर 2025 की रात 08:16 मिनट से लेकर 23 अक्टूबर 2025 की देर रात 10:46 मिनट तक है. उदया तिथि के आधार पर, इस बार 23 अक्टूबर 2025, वार गुरुवार को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा. भाई दूज का टीका अपराह्न काल में करना शुभ होता है. 23 अक्टूबर को दोपहर 01:33 से लेकर दोपहर 03:50 मिनट तक अपराह्न काल रहेगा.

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भाई दूज पर तिलक कैसे करें?

  • इस दिन बहनें प्रातः काल स्नान करके व्रत का संकल्प लेती हैं.
  • भाई को अपने घर आने के लिए आमंत्रित करती हैं.
  • थाली सजाती हैं, जिसमें रोली, अक्षत, मिठाई और घी का दीपक होना चाहिए.
  • बहनें भाई के माथे पर रोली से ठीका करके अक्षत लगाती हैं.
  • भाई की आरती करती हैं.
  • बहन भाई को मिठाई खिलाती है और भाई भी बहन को मिठाई खिलाता है.
  • भाई बहन को गिफ्ट देता है और उसकी खुशी के लिए प्रार्थना करता है.

भाई दूज क्यों मनाया जाता है?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज का पर्व मृत्यु के देवता यमराज और उनकी बहन देवी यमुना को समर्पित है. एक बार यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर गए थे, जिस दिन कार्तिक माह की द्वितीया तिथि थी. यमुना ने आदरपूर्वक अपने भाई का स्वागत किया. साथ ही यमराज का तिलक व आरती करके भोजन कराया. यमुना की खुशी और प्रेम को देखकर यमराज ने वरदान दिया कि जो भी भाई इस तिथि पर अपनी बहन के घर जाकर तिलक करवाएगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं सताएगा. साथ ही दीर्घायु का आशीर्वाद मिलेगा. इसलिए इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं.

इसके अलावा भाई दूज पर यमुना स्नान और दान करना भी शुभ माना जाता है. इससे समस्त पाप नष्ट होते हैं और जीवन में खुशियों का वास होता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Sep 23, 2025 09:15 AM

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