Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का दिन मात्र ऋतु परिवर्तन का ही दिन नहीं है बल्कि इस दिन से जीवन के हर क्षेत्र में नव चेतना का जागृत होती है। अगर आप भी अपने जीवन में नव चेतना का जागरण करना चाहते हैं। जीवन में शुद्धता, कलात्मक, शुचिता, संगीत कला, आध्यात्मिक ज्ञान चाहते हैं तो मां सरस्वती के वास्तविक स्वरूप को समझ कर जीवन में उतार सकते हैं। धर्म की अच्छी खासी जानकारी रखने वाली नम्रता पुरोहित ने बताया है कि बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा किस विधि और भोग के साथ की जा सकती है। इसके अलावा पीले रंग के अलावा कौन-कौन से रंग के कपड़े पहनकर सरस्वती पूजा की जा सकती है। आइए बसंत पंचमी का मुहूर्त, पूजा विधि और कपड़े पहनने का शुभ रंग जानते हैं।
कब है बसंत पंचमी?
बसंत पंचमी का पर्व माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार 2 फरवरी 2025, रविवार को बसंत पंचमी है। बसंत पंचमी के दिन ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। बसंत पंचमी को श्री पंचमी (Shri Panchami) और सरस्वती पंचमी (Saraswati Panchami) भी कहा जाता है। इस दिन से बसंत ऋतु का आगमन हो जाता है इस दिन से किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य भी किया जा सकता है। इसके अलावा कृष्ण नगरी वृंदावन में होली के रंगों की शुरुआत भी हो जाती है।
बसंत पंचमी का मुहूर्त?
बसंत पंचमी का कोई शुभ मुहूर्त नहीं होता है। इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए पूरा दिन शुभ मुहूर्त के साथ होता है। मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती है। अबूझ मुहूर्त होता है जिस कारण बसंत पंचमी को विवाह, किसी प्रकार का निर्माण कार्य, गृह प्रवेश जैसे मंगल कार्य किए जा सकते हैं।
बसंत पंचमी के दिन क्या करें?
इस दिन सुबह जल्दी उठकर अपनी हथेलियों के दर्शन जरूर करने चाहिए। इस दिन सभी को माता सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। शिक्षा और संगीत संबंधी चीजों की भी पूजा की जाती है। इस दिन से शिक्षा से संबंधित चीजों का दान देना शुभ फल की प्राप्ति देता है।
बसंत पंचमी पर किस रंग के कपड़े पहनकर करें पूजा?
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करते समय सफेद, पीले या बसंती रंग के कपड़े पहन सकते हैं। ध्यान रहे कि इस दिन लाल, नीले या काले रंग के कपड़े नहीं पहनने हैं। इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करना शुभ नहीं होता है।
बसंत पंचमी की पूजा विधि
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का खास महत्व होता है। पूजा में सफेद और पीले रंग का उपयोग जरूर करें। पुष्प श्वेत या पीले होने चाहिए। पूजा करते समय अपने मुख को पूर्व या उत्तर दिशा में रखें। ॐ ऐं सरस्वती देव्यै नमः मंत्र का जप करें। इस दिन मां सरस्वती को पूजन में एक कलम भेंट करें और पूरे साल इस कलम से कार्य करें तो अति उत्तम रहता है। बसंत पंचमी पर मांस-मदिरा या तामसिक भोजन का उपयोग न करें घर में शांति बनाए रखें, क्रोध न करें, पूरे घर को सुगंधित रखें अपने मन को प्रसन्न रखें।
मां सरस्वती का प्रिय भोग क्या है?
मां सरस्वती को पीले रंग का भोग प्रिय होता है। आप भोग में पीले चावल का भोग लगा सकते हैं। चाहें तो पीले रंग की मिठाई का भी भोग लगा सकते हैं। इसके अलावा सफेद रंग की मिठाई, मिश्री मिली दही और केसर वाली खीर का भोग भी लगा सकते हैं।
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ग्रहों की मजबूती के लिए ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा
इस दिन पूजा करने से ज्ञान, विज्ञान संगीत कला और आध्यात्मिकता का आशीर्वाद मिलता है। भक्ता कुंभ में स्नान करते हैं। ज्ञानी लोग इन प्रथाओं का पूरा आदर सम्मान करते हैं। अगर आपकी कुंडली में गुरु बृहस्पति ग्रह, बुध ग्रह या शुक्र ग्रह कमजोर है तो आप फूल और भोग अर्पित करने का उपाय अपना सकते हैं।
अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो तो माता सरस्वती को हरे फल का भोग लगाएं। बृहस्पति ग्रह की मजबूती के लिए पीले रंग के वस्त्र पहनकर मां की पूजा करें, पीले फूल पीली मिठाई का भोग लगाएं। इसी प्रकार शुक्र ग्रह की मजबूती के लिए मां की पूजा सफेद पुष्पों से करें।
ऐसे पाएं मां सरस्वती की कृपा
बसंत पंचमी के दिन से विद्या आरंभ करने का अबूझ मुहूर्त होता है। अपनी एकाग्रता बढ़ाने के लिए बसंत पंचमी से सरस्वती वंदना करना शुरू करें। और रोज सुबह उठकर स्नान करने के बाद सरस्वती वंदना नियमित रूप से करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।