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Rath yatra 2025: जगन्नाथ पुरी में कहां से आता है रथ यात्रा के लिए भगवान के पोशाक, जानें क्या होती है खासियत

Rath yatra 2025: ओडिशा के जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा दुनिया भर में फेमस है। माना जाता है कि इस यात्रा में शामिल होने से सारे कष्ट दूर होते हैं। वहीं इस यात्रा में देश ही नहीं, विदेशों से भी लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए आते हैं। आइए जानते हैं कि इस यात्रा में भगवान के पोशाक को कैसे बनाया जाता है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shivani Jha Updated: Jun 17, 2025 21:11
Rath yatra 2025
रथ यात्रा के लिए भगवान के पोशाक कैसे बनता है फोटो सोर्स News24

Rath yatra 2025: ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में हर साल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा में ओडिशा से ही नहीं, बल्कि अलग-अलग शहरों से लोग शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को स्थापित किया जाता है और पूरे शहर में उनकी यात्रा निकाली जाती है। माना जाता है कि इनके दर्शन करने से सारे पाप दूर होते हैं। वहीं, इस साल 27 जून को यह रथ यात्रा निकाली जाएगी। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के पोशाक भी खास होते हैं, क्योंकि इसे खास तरीके से बनाया जाता है। आइए जानते हैं उनके पोशाक कैसे तैयार किया जाता है?

कैसे तैयार होता है पोशाक?

रथ यात्रा के लिए भगवान के पोशाक को ओडिशा के खुर्दा जिले के राउतपाड़ा गांव के बुनकरों द्वारा बनाया जाता है। कहा जाता है कि पिछले तीन दशकों से, इन बुनकरों का एक समूह भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की मूर्तियों के लिए वस्त्र तैयार करते आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि ये बुनकर, विशेष रूप से गोविंद चंद्र दास के परिवार की अगुवाई में, भगवान की मूर्तियों को सालाना रथ यात्रा के दौरान सजाने के लिए इन वस्त्रों को तैयार करते हैं। इन पोशाकों को बनाने की प्रक्रिया पारंपरिक रूप से की जाती है और हर साल, वे भगवान के लिए 7 अलग-अलग तरह के पोशाक तैयार करते हैं।

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कब से कब तक मनाया जाएगा ये त्योहार?

भारत के उड़ीसा राज्य में स्थित पुरी शहर, जिसे जगन्नाथ पुरी भी कहा जाता है। यहां पर हर साल भगवान विष्णु के स्वरूप जगन्नाथ जी की पूजा की जाती है और यात्रा बड़े ही धूमधाम से निकाली जाती है। इस साल इसे 26 जून से 27 जून तक मनाया जाएगा। इस यात्रा में देश सहित विदेशों से भी लोग शामिल होने के लिए आते हैं।

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क्या है रथ यात्रा का महत्व

इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ जी, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को सजाकर रथ पर बिठाया जाता है और फिर पूरे शहर में इनकी यात्रा निकाली जाती है। माना जाता है कि जगन्नाथ जी के दर्शन करने के बाद उनके भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। लाल और पीले रंग से बने भगवान जगन्नाथ जी का यह रथ नंदीघोष कहलाता है, जिसका सारथी दारुक को बनाया जाता है।

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First published on: Jun 15, 2025 02:42 PM

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