Mental Disorders: किसी से अपने मन की बात करना उतना ही जरूरी है जितना कि खाना खाना और पानी पीना। जब हम अपनी फिलिंग्स दूसरों के साथ शेयर नहीं कर पाते हैं, तो सबसे पहले हमारा मेंटल हेल्थ प्रभावित होती है। जब हमारा कोई अपना हमारी भावनाओं को नहीं समझ पाता है, तो हम अकेलापन और निराश महसूस कर सकते हैं। अब सवाल यह भी उठता है कि क्या ये एक संयोग है? इसे लेकर मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि ये समस्या आपको बार-बार होती है, तो हो सकता है कि इसका कारण सिर्फ दूसरा व्यक्ति नहीं है। इसका कारण ये भी हो सकता है कि आपको सोचने समझने की क्षमता में कोई बदलाव हो रहा हो। इसलिए आपके दिल की बात जुबां पर नहीं आ पाती।
सोशल स्किल्स पर पड़ता है असर
मेंटल हेल्थ से जुड़े डिसऑर्डर अक्सर लोगों की सोशल स्किल्स पर असर डालते हैं। इन समस्याओं से परेशान लोगों को दूसरों की भावनाओं को समझने और अपनी भावनाओं को समझाने में परेशानी हो सकती है।
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लोगों के साथ तालमेल बैठाने में मुश्किल
जिन लोगों को बायपोलर डिसऑर्डर की समस्या होती है अक्सर ये लोग दूसरों के साथ तालमेल नहीं बैठा पाते हैं। वे दूसरों की बातों को ठीक से नहीं समझ पाते और न ही अपनी फिलिंग्स को सही से बता पाते हैं। इस वजह से, उन्हें दोस्ती करना या किसी ग्रुप में शामिल होना मुश्किल लगता है।
कैसे कर सकते हैं इन समस्याओं को दूर?
कहानियों का लें सहारा
मेंटल हेल्थ से जुड़े डिसऑर्डर से परेशान हैं तो ऐसे आप कहानियां पढ़ने की आदत डाल सकते हैं। कहानियां पढ़ने से भी हम दूसरों के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं। कहानियों में पात्र होते हैं जिनकी अपनी भावनाएं होती हैं। जब हम कहानियां पढ़ते हैं, तो हम इन पात्रों की भावनाओं को समझने की कोशिश करते हैं, जो पात्र हमारे ही समाज का आईना होते हैं।
प्रैक्टिस करें
इस परेशानी को दूर करने के लिए आप कुछ खास तरह की प्रैक्टिस कर सकते है, जिससे की आपको दूसरों की भावनाओं को समझने में आसानी हो सकती है। जैसे कि यह जानने की कोशिश कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति कैसा फील कर रहा है और उसकी सोच क्या है?
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।