low Vitamin D Diseases: अगर आपका वजन काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है तो इसका कारण ज्यादा खाना न होकर शरीर में विटामिन डी की कमी भी होती है। वेट बढ़ने की वजह बॉडी में विटामिन डी की कमी भी हो सकती है। इसके साथ ही इसकी कमी होने से शरीर को कई सारी बीमारियों को झेलना पड़ता है। इसलिए आज हम इस विषय पर बात करते हुए, विटामिन डी की कमी से होने वाले हेल्थ प्रॉब्लम के बारे में जानेंगे। वैसे इसकी कमी का सबसे बड़ा कारण सूरज की रोशनी के संपर्क में कम आना, भरपूर नींद ना लेने से भी शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है।
विटामिन डी की कमी के कारण रिकेट्स बीमारी होती है
विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स नामक बीमारी हो जाती है। इसमें उनकी हाइट ठीक से नहीं बढ़ पाती, वे शारीरिक रूप से कमजोर रह जाते हैं। विटामिन डी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती है और टेढ़ी हो जाती है।
विटामिन डी की कमी से प्रीडायबिटीज होने का खतरा
विटामिन डी की कमी के कारण प्रीडायबिटीज भी हो जाती है। इसमें जब विटामिन डी की कमी रहती है तो शरीर में इंसुलिन का लेवल प्रभावित रहता है। ये इंसुलिन के काम काज को स्लो कर देता है जिससे शुगर मेटाबोलिज्म धीमा पड़ जाता है। इससे तेजी से शरीर का शुगर लेवल बढ़ता है जो कि आपको डायबिटीज की ओर ले जा सकता है।
विटामिन डी की कमी से मूड चेंज और हड्डियों में दर्द
विटामिन डी की कमी से मूड चेंज होने लगता है। मूड स्विंग के साथ इसकी कमी से हड्डियों में दर्द होने लगता है लेकिन दोनों अलग-अलग समस्याएं हैं, लेकिन दोनों एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। मूड स्विंग और हड्डियों में दर्द दोनों ही विटामिन डी की कमी (vitamin d deficiency) के कारण होते हैं।
विटामिन डी की कमी से बैक पेन की प्रॉब्लम
बैक पेन की दिक्कत भी विटामिन डी की कमी से होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बॉडी में विटामिन डी कम होने से बोन्स वीक होने लगती हैं, जिसकी वजह से हड्डियों और जोड़ों में दर्द रहने लगता है। ऐसे में कमर और पीठ दर्द होने पर डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन डी की जांच जरूर करवाएं। ऐसा ज्यादातर सर्दियों के मौसम में होता है।