Homosexual Gay Lesbian Signs In Childrens: देश में समलैंगिकता और सेम सेक्स मैरिज को लेकर चर्चा छिड़ी है। समलैंगिकता को कानूनी मान्यता देने की मांग की जा रही है, जिस पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाया और समलैंगिक शादी का लीगल बनाने से इनकार कर दिया, लेकिन पूरी दुनिया में LGBTQ लोगों का एक बड़ा वर्ग है।
बता दें कि जो युवक अपने ही लिंग की तरफ यानी युवकों की तरफ आकर्षित होते हैं और उन्हीं के साथ यौन संबंध स्थापित करना चाहते हैं तो उन्हें अंग्रेजी में ‘गे’ कहा जाता है। जो युवतियां, लड़कियों के प्रति आकर्षित होती हैं और संबंध बनाने की इच्छा रखती हैं, उन्हें लेस्बियन कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि समलैंगिकता के लक्षण बचपन में ही नजर आने लगते हैं, जिन्हें हर कोई नहीं पहचान पाता। इन्हीं संकेतों के बारे में हम आपको बता रहे हैं…
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ऐसे जानें बच्चा समलैंगिक हैं या नहीं
- लड़के गे होते हैं तो उनकी आवाज पतली हो जाती है। लोगों से घुलने-मिलने में रुचि नहीं होती। लड़कों से ज्यादा बातें नहीं करते।
- लड़कियां लेस्बियन होती हैं तो उनका शरीर लड़कियों के मुकाबले भारी होता है। आवाज भारी हो जाती है। चेहरे पर बाल और अंगों में बदलाव होता है।
- अगर लड़का यह कहे कि काश मैं एक लड़की होता या कहे कि वह एक लड़की है तो तुरंत ध्यान दें।
- अगर बेटी यह कहे कि उसे फ्रॉक या लड़कियों वाली ड्रेस पहनना बिल्कुल पसंद नहीं या बेटा लाइलैक और पिंक कलर पसंद करते तो अलर्ट हो जाएं।
- अगर आपका बच्चा उस वॉशरूम को इस्तेमाल न करे, जो उसे करना चाहिए। इसके लिए वह घंटों तक टॉयलट रोके रखे तो यह उसके होमोसेक्सुल होने का एक संकेत है।
- अगर लड़के की चाल ढाल, बात करने, कपड़े पहनने का तरीका और हाव भाव लड़कियों जैसा है और टोकने पर भी वह नहीं मानता तो यह उसके समलैंगिक होने के संकेत हैं।
- समलैंगिक पुरुषों या महिलाओं के साथ की गई अपनी बातचीत से भी पता लगाया जा सकता है कि वे समलैंगिक हैं या नहीं।
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समलैंगिक बच्चे को कैसे डील करें मां-बाप
अकसर बच्चे के समलैंगिक होने का पता चलने पर मां-बाप भड़क जाते हैं। बच्चे के साथ गलत बर्ताव करने लगते हैं। उसे घर निकाल देते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्हें बच्चे को बहुत सावधानी से डील करना चाहिए। सबसे पहले बर्ताव में बदलाव की वजह जानने की कोशिश करनी चाहिए। कई मामलों में घर का माहौल जिम्मेदार होता है। हार्मोन रोग विशेषज्ञ से मिलकर बच्चे के समलैंगिक होने की वजह और इलाज की जानकारी लें।
डॉक्टर से बात करके पता लगाएं कि कहीं बच्चे में हार्मोन की कमी या अधिकता तो नहीं। ऐसा मिलने पर हार्मोन थैरेपी दी जाती है। हार्मोन को संतुलित करने की कोशिश की जाती है। उसके लाइफस्टाइल को बदलने की सलाह दी जाती है। बच्चे के व्यवहार को मजाक न बनाएं। उसे समझें और एक्सपर्ट की सलाह लें। बच्चों को उनकी उम्र के दोस्तों के साथ समय बिताने दें। उन्हें अपनी बात कहने का मौका दें, ताकि वे अपनी समस्या बता सकें।
बच्चों को लेकर ओवर प्रोटेक्टिव न हों, उन्हें आजादी दें। बहुत अधिक सख्ती या बहुत अधिक लाड़ प्यार करने से बचें।