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काशी तमिल संगमम् के चौथे संस्करण का भव्य आगाज, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री पाठक ने किया उद्घाटन

विश्व की सबसे प्राचीन नगरी काशी (वाराणसी) आज एक बार फिर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक एकता की साक्षी बनी. काशी तमिल संगमम् (KTS) के चौथे संस्करण का भव्य आगाज मंगलवार को नमो घाट पर हो गया. इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्यमंत्री (CM) योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री (Dy CM) बृजेश पाठक सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने न केवल इस आयोजन का उद्घाटन किया, बल्कि धर्म नगरी काशी की आस्था परंपराओं में भी हिस्सा लिया. पढ़ें वाराणसी से अतिकेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट

विश्व की सबसे प्राचीन नगरी काशी (वाराणसी) आज एक बार फिर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक एकता की साक्षी बनी. काशी तमिल संगमम् (KTS) के चौथे संस्करण का भव्य आगाज मंगलवार को नमो घाट पर हो गया. इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्यमंत्री (CM) योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री (Dy CM) बृजेश पाठक सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने न केवल इस आयोजन का उद्घाटन किया, बल्कि धर्म नगरी काशी की आस्था परंपराओं में भी हिस्सा लिया.

काशी विश्वनाथ में विशेष पूजा-अर्चना

कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत से पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बाबा विश्वनाथ की नगरी में अपनी आस्था प्रकट की.

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  • बाबा विश्वनाथ मंदिर: दोनों नेताओं ने सबसे पहले श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए और षोडशोपचार विधि से विशेष पूजा-अर्चना की. उन्होंने देश और प्रदेश की उन्नति एवं मंगलकामना के लिए प्रार्थना की. इस दौरान मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत कड़ी थी.
  • काल भैरव मंदिर: इसके बाद उन्होंने काशी के कोतवाल माने जाने वाले बाबा काल भैरव मंदिर में भी हाज़िरी लगाई और दंडपाणि (काशी के रक्षक) का आशीर्वाद लिया.
  • गंगा दर्शन: दोनों नेताओं ने नमो घाट पहुंचने से पूर्व गंगा नदी का अवलोकन किया, जहां संगमम् के लिए विशाल डोम और पंडाल स्थापित किए गए हैं.
  • इन धार्मिक दर्शनों के माध्यम से, CM योगी ने यह संदेश दिया कि काशी का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आधार ही संगमम् जैसे राष्ट्रीय आयोजनों को ऊर्जा प्रदान करता है.

'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का जयघोष

काशी तमिल संगमम् 4.0 का मुख्य उद्देश्य तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के बीच हजारों साल पुराने सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को पुनः जागृत करना है. इस वर्ष का आयोजन शिक्षा मंत्रालय द्वारा 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत किया जा रहा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के दृष्टिकोण को बल देता है.

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मुख्यमंत्री योगी का संबोधन

नमो घाट पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, CM योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन को ज्ञान परंपराओं का महाकुंभ बताया.

​"काशी और तमिलनाडु दोनों ही भगवान शिव की उपासना के प्रमुख केंद्र हैं. उत्तर में बाबा विश्वनाथ और दक्षिण में रामेश्वरम. यह संगमम् हमें याद दिलाता है कि भले ही हमारी भाषाएं अलग हों, लेकिन हमारी आत्मा और संस्कृति एक है. तमिलनाडु से आने वाले हमारे अतिथि यहां केवल पर्यटन के लिए नहीं आए हैं, वे अपने सनातन परिवार के सबसे प्राचीन घर (काशी) में आए हैं.

उन्होंने तमिलनाडु की समृद्ध संगम साहित्य परंपरा और द्रविड़ वास्तुकला की सराहना की, और कहा कि यह आयोजन दो महान संस्कृतियों के बीच ज्ञान, कला और साहित्य के आदान-प्रदान का एक मजबूत सेतु बनेगा.

संगमम् में होने वाले मुख्य कार्यक्रम

​शैक्षणिक संगोष्ठियां: दोनों क्षेत्रों की प्राचीन ज्ञान परंपराओं, आयुर्वेद, योग और साहित्य पर चर्चा.
​सांस्कृतिक प्रस्तुतियां: भरतनाट्यम, कत्थक, तमिलनाडु के लोक नृत्य और उत्तर प्रदेश की रामलीला का संयुक्त मंचन.
​हस्तशिल्प प्रदर्शनी: तमिलनाडु के कारीगरों द्वारा निर्मित सिल्क साड़ियां, तंजावुर पेंटिंग और अन्य हस्तशिल्प का प्रदर्शन.
​खाद्य महोत्सव: उत्तर और दक्षिण भारत के विशिष्ट व्यंजनों का स्वाद.

काशी तमिल संगमम् 4.0 केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है, यह राष्ट्रीय एकता और भारतीय सभ्यता के गौरव को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है.

(वाराणसी से अतिकेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट)


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