G20 summit 2022: क्या चीनी राष्ट्रपति दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले साल नवंबर में बाली में आयोजित जी20 डिनर पर क्या बातचीत हुई थी। इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जानकारी दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से पूछे जाने पर कि क्या चीनी राष्ट्रपति दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, बागची ने कहा कि भारत सभी आमंत्रित नेताओं की भागीदारी के साथ इसकी सफलता के लिए सभी प्रयास और तैयारी कर रहा है। अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाने के भारत के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि ऐसा होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मामले पर अभी कुछ भी विशेष कहना जल्दबाजी होगी।
बाली जी 20 डिनर पर पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच क्या बातचीत हुई थी?
पिछले साल नवंबर में बाली जी20 सम्मेलन के दौरान डिनर पर पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई थी, इस बारे में विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को खुलासा किया। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान रात्रिभोज में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता पर दोनों नेताओं ने बात की थी।
दो दिन पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने जोहान्सबर्ग में एनएसए अजीत डोभाल और शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी के बीच एक बैठक के बाद दावा किया था कि शी और पीएम मोदी पिछले नवंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने पर एक महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे थे।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कही ये बात
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरिंदम बागची ने कहा कि बाली जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने एक ब्रीफिंग की थी। उन्होंनेकहा था कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से आयोजित रात्रिभोज के समापन पर इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता के बारे में भी बात की।
बागची ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि भारत ने हमेशा से कहा है कि भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र पर एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के साथ स्थिति को हल करना और शांति बहाल करना हमारा उद्देश्य है।
मई 2020 में भारत और चीन के बीच सीमा संघर्ष शुरू होने के बाद यह पहली बार था जब उन्होंने (शी जिनपिंग और पीएम मोदी) सार्वजनिक रूप से बातचीत की। एनएसए अजीत डोभाल ने 24 जुलाई को जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स एनएसए की बैठक के मौके पर वांग से मुलाकात की।
2020 से भारत-चीन सीमा पर स्थिति ने रणनीतिक विश्वास को खत्म किया: डोभाल
बैठक पर अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोभाल ने बताया कि 2020 से भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर स्थिति ने रणनीतिक विश्वास और रिश्ते के सार्वजनिक और राजनीतिक आधार को खत्म कर दिया है। इसमें कहा गया है कि एनएसए ने स्थिति को पूरी तरह से हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए निरंतर प्रयासों के महत्व पर जोर दिया ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सके।
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण है।
बता दें कि भारत और चीन अप्रैल-मई 2020 से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध में लगे हुए हैं। भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में कुछ घर्षण बिंदुओं पर तीन साल से अधिक समय से गतिरोध में हैं। व्यापक कूटनीतिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी हो गई है। जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक टकराव के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में कमी आई है।