Who is Babun Banerjee Mamata Banerjee Brother: लोकसभा चुनाव से पहले जहां कई नेता इधर-उधर हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर पार्टियों में अंदरूनी फूट भी सामने आ रही है। अब इसकी आंच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर तक भी पहुंच गई है। ममता बनर्जी के अपने भाई बाबुन बनर्जी से रिश्ते खत्म कर लिए हैं। आइए जानते हैं कि बाबुन बनर्जी कौन हैं और आखिर क्या वजह रही कि लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी को अपने भाई से रिश्ते खत्म करने पड़े।
कौन हैं बाबुन बनर्जी?
बंगाली हिंदू ब्राह्मण परिवार में जन्मे बाबुन बनर्जी ममता बनर्जी के छोटे भाई हैं। वह टीएमसी के नेता और हावड़ा सीट से दो बार लोकसभा सांसद हैं। बाबुन पूर्व फुटबॉलर और अर्जुन पुरस्कार विजेता रह चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की कप्तानी भी की है। इससे पहले बाबुन बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी और टीएमसी स्पोर्ट्स सेल के चीफ पेट्रन रह चुके हैं।
खेल जगत में जाना-पहचाना नाम रहे बाबुन उर्फ स्वपन बनर्जी को 2016 में बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव बनाया गया था। बाबुन मोहन बागान एथलेटिक क्लब के फुटबॉल सचिव भी हैं। बाबुन बनर्जी के बीजेपी में भी जाने की अटकलें हैं, लेकिन उन्होंने बीजेपी का दामन थामने की बात को नकार दिया है।
#TMC supremo #MamataBanerjee’s brother Babun Banerjee’s u-turn:
---विज्ञापन---He now says, “News of me joining #BJP are fake. I will always remain with #MamataBanerjee.” pic.twitter.com/TMFl9plQ2v
— Pooja Mehta (@pooja_news) March 13, 2024
ममता बनर्जी ने क्यों खत्म किए रिश्ते?
दरअसल, बाबुन ने हावड़ा लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार प्रसून बनर्जी के खिलाफ बगावत कर दी है। उन्होंने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। बाबुन ने प्रसून बनर्जी पर अपमान का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हावड़ा लोकसभा सीट से उम्मीदवार के चयन से मैं खुश नहीं हूं। प्रसून बनर्जी सही विकल्प नहीं हैं। ऐसे कई बेहतर उम्मीदवार थे, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।
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”मैं उन्हें परिवार का सदस्य नहीं मानती”
हालांकि उन्होंने कहा कि जब तक दीदी हैं, मैं पार्टी नहीं छोड़ूंगा। हालांकि ममता बनर्जी ने बाबुन की बगावत के बाद उनसे रिश्ते खत्म करने की बात कही। उन्होंने कहा- मैं किसी भी भाई-भतीजावाद में शामिल नहीं रहूंगी। कुछ लोग लालची हो जाते हैं। मैं उन्हें परिवार का सदस्य नहीं मानती। उनके साथ मेरा नाम इस्तेमाल न करें। वह जहां जाना चाहे, वहां जा सकता है।