गोवा में 6 दिसंबर 2025 की रात बेहद डरावनी साबित हुई. गोवा के नाइट क्लब में रात के समय में अचानक आग लग गई. इस हादसे के दौरान कुल 25 लोगों की जान गई. इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर है और क्लब के मालिकों की तलाश जारी है. वहीं, मिली जानकारी के अनुसार, क्लब के मालिक गौरव और सौरव लूथरा थाईलैंड के फुकेट भाग गए हैं. जिसके बाद पुलिस ने इंटरपोल से मदद मांगी है और दोनों के नाम ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया है. इस खबर में आज हम बात करेंगे ब्लू कॉर्नर नोटिस के बारे में कि आखिर ये क्या होता है.
ब्लू कॉर्नर नोटिस क्या होता है?
जब भी कोई अपराधी अपराध करने के बाद किसी दूसरे देश भाग जाते हैं तब उन्हें भारत वापस लाने के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है. वहीं, इंटरपोल की तरफ से ऐसे कई नोटिस जारी किए जाते हैं लेकिन सभी नोटिस का मतलब अलग-अलग होता है. अगर ब्लू कॉर्नर नोटिस की बात करें तो ये नोटिस आम तौर पर किसी अपराधी के बारे में अधिक जानकारी, उसकी पहचान, उसकी लोकेशन, वो क्या करता है… इसके बारे में जानकारी इकट्ठा करवाना होता है.
कितने तरह के होते हैं नोटिस?
मिली जानकारी के अनुसार, इंटरपोल को भेजे जाने वाले नोटिस 7 तरह के होते हैं. जिसमें रेड नोटिस, येलो नोटिस, ब्लू नोटिस, ब्लैक नोटिस, ऑरेंज नोटिस, पर्पल नोटिस और ग्रीन नोटिस शामिल हैं. ऐसे नोटिस के जरिए इंटरपोल अपने सदस्य देशों से अपराधी के बारे में और अधिक जानकारी मांगते हैं. इसमें उस देश का इंटरपोल और अन्य कई एजेंसियां भी मदद करती हैं. इस नोटिस को इग्नोर नहीं किया जा सकता है और अपराधी के बारे में सभी डिटेल्स शेयर करनी होती है.
इंटरपोल क्या होता है?
इंटरपोल, इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन को ही कहा जाता है, ये सरकार के तहत काम करने वाली एक एजेंसी होती है. इस एजेंसी का काम दुनियाभर में क्राइम को कम करना और अपराधियों पर नजर रखना होता है. इस एजेंसी के माध्यम से ही किसी दूसरे देश से भागकर आए अपराधियों को पकड़ा जाता है.










