West Bengal Ram Temple and Sita Kund Story (अमर देव पासवान): अयोध्या के राम मंदिर में आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। पूरे भारत में इस समारोह की धूम है, देश के कोने-कोने में आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की उत्सव मनाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के अयोध्या पहाड़ में स्थित राम मंदिर और सीता कुंड में भी सुबह से ही प्रभु श्रीराम की पूजा-अर्चना हो रही है। इस मौके पर पूरे मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। इलाके के लोग अयोध्या में रामलला के आगमन की खुशी में दिवाली मना रहे हैं और भगवान राम को भोग लगा रहा हैं। बता दें कि बंगाल में स्थित इस राम मंदिर और सीता कुंड को लेकर कई सारी मान्यताएं हैं।
श्रीराम ने पत्नी ने तीन से बनाया सीता कुंड
देव ग्रंथों में भगवान श्रीराम जुड़ी कई कथाओं का वर्णन है। उन्हीं में से एक कथा पुरुलिया जिले के अयोध्या पहाड़ और सीता कुंड से जुड़ी हुई है। ऐसी मान्यता है कि 14 वर्षों के वनवास के दौरान श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पुरुलिया के घने जंगलों और पहाड़ों के बीच पहुंचे थे। यहां माता सीता को प्यास लगी, ऐसे में लक्ष्मण ने पानी की तलाश में पूरा जंगल छान मारा, लेकिन उन्हें कहीं भी पानी मिला। इसके बाद प्रभु श्रीराम ने अपनी धनुष से एक तीर चलाया, जिसके जमीन से पानी निकलने लगा। इसके बाद माता सीता ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई। इस जगह को आज सीता कुंड के नाम से जाना जाता है। इस कुंड में कभी भी पानी कम नहीं होता है। हर साल बुद्ध पूर्णिमा के दिन जनजाति से शिकारी सैकड़ों की तादाद में सीता कुंड पहुंचते हैं, और इस कुंड के पानी को ग्रहण करते हैं।
यह भी पढ़ें: सोशल मीडिया पर ‘राम’ नाम की धूम, लोगों ने कहा- विराजो राम अयोध्या धाम
अयोध्या पहाड़ का रहस्य
इसके बाद से ही पुरुलिया के इस घने जंगल को अयोध्या पहाड़ का नाम और पहचान मिली। इस जंगल में भगवान राम ने कुल ढाई दिन बिताए थे। इसलिए यहां के लोगों का मानना है कि इस इलाके में भी भगवान श्री राम रहे हैं यह भी उनका घर है। इसलिए इस स्थान को भी अयोध्या के नाम से जाना जाएगा। लोगों ने तो यहां पर विशाल राम मंदिर भी बनवाया है। इस मंदिर में भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ विराजमान हैं। इस राम मंदिर में साल के 365 दिन दीप प्रज्वलित रहता है।