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UP के इस गांव में होता है महिलाओं का दंगल, सास-बहू देती हैं पटकनी; पुरुषों के लिए ‘नो एंट्री’

Uttar Pradesh Hamirpur Women's Wrestling: कुश्ती, अखाड़ा और दंगल... यह सारे नाम हरियाणा में काफी पॉपुलर हैं। मगर क्या आपने कभी उत्तर प्रदेश में महिलाओं का दंगल देखा है? जी हां, पिछले 104 सालों से यूपी के एक गांव में महिलाओं का दंगल होता आ रहा है।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Aug 22, 2024 11:50
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UP Hamirpur Women Wrestling

Uttar Pradesh Hamirpur Women’s Wrestling: ‘म्हारी छोरियां छोरो से कम हैं के…?’ दंगल फिल्म का यह डायलॉग तो आपको याद ही होगा। हाल ही में पेरिस ओलंपिक के फाइनल में पहुंची विनेश फोगाट के डिस्क्वालिफिकेशन के बाद कुश्ती एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई है। गीता और बबीता से लेकर विनेश के कुश्ती के किस्से आपने कई बार सुने हैं लेकिन क्या आप उत्तर प्रदेश के एक ऐसे गांव के बारे में जानते हैं जहां महिलाओं का दंगल देखने को मिलता है।

सास-बहू का दंगल

यूपी में अखाड़ों के अंदर कुश्ती लड़ने का रिवाज सालों पुराना है। मगर हमीरपुर में पुरुष के अलावा महिलाएं भी दंगल लड़ती हैं। हर साल रक्षबंधन के बाद इस गांव में कुश्ती का आयोजन होता है। साल भर सिर पर घुंघट रखने वाली महिलाएं इस दिन पहलवान बनकर अखाड़े में उतरती हैं और एक-दूसरे को जमकर पटकनी देती नजर आती हैं। घरों में चूल्हा चौका करने वाली महिलाएं अखाड़े में कूद पड़ती हैं। इस दिन हमीरपुर में सास-बहू और बुजुर्ग महिलाओं के बीच मजेदार कुश्ती देखने को मिलती है।

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जीतने पर मिलता है इनाम

दंगल में जीतने के लिए महिलाएं तरह-तरह के दांव पेंच आजमाती हैं। इस कुश्ती का आगाज बूढ़ी महिलाएं ढोल बजाकर करती हैं। इसके बाद महिलाएं एक-एक करके अखाड़े में उतरती हैं और कई राउंड की कुश्ती के बाद सामने वाले खिलाड़ी को चित्त कर देती हैं। इस दंगल में जीतने वाली महिला को इनाम भी मिलता है।

पुरुषों के लिए ‘नो एंट्री’

मजे की बात तो यह है कि महिलाओं की इस कुश्ती में पुरुषों को शामिल होने की इजाजत नहीं है। अखाड़े के बाहर कुछ महिलाएं लाठी-डंडा लिए खड़ी रहती हैं। वो पुरुषों को अखाड़े से बाहर रखने में कोई कसर नहीं छोड़ती। गांव की परंपरा है कि महिलाओं के दंगल के दौरान सारे पुरुष गांव के बाहर चले जाते हैं।

104 साल पुरानी प्रथा

स्थानीय लोगों के अनुसार महिलाओं के दंगल की यह प्रथा 104 साल पुरानी है। साल 1920 में हमीरपुर के लोदीपुर निवादा की पुरानी बाजार में पहली बार महिलाओं का दंगल आयोजित किया गया था। इस दौरान गांव की महिला प्रधान गिरजा देवी ने 2 महिलाओं के बीच दंगल करवाा था। तब से गांव में यह परंपरा चली आ रही है। रक्षाबंधन के बाद हर साल गांव में महिलाओं का दंगल जरूर होता है।

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Written By

Sakshi Pandey

First published on: Aug 22, 2024 11:50 AM

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