Best Bakery case: गुजरात के बेस्ट बेकरी केस में बुधवार को फैसला टल गया। मुंबई की एक विशेष अदालत ने अब दो जून की तारीख तय की है। मामला 2002 के गुजरात दंगों से जुड़ा है। गोधरा कांड के बाद भड़की हिंसा के बीच वडोदरा में बेस्ट बेकरी नरसंहार हुआ था। भीड़ ने बेकरी की दुकान में आग लगा दी थी। 14 लोगों को बेरहमी से मारा गया था। मामले के दो आरोपियों के खिलाफ मुंबई सेशंस कोर्ट की विशेष अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है। जिसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
इस मामले में आरोपी हर्षद रावजीभाई सोलंकी और मफत मणिलाल गोहिल पिछले 10 साल से जेल में बंद हैं। आरोपियों को 13 दिसंबर 2013 को न्यायिक हिरासत में भेज गया था।
Verdict in Best Bakery case has been deferred. A special court in Mumbai has fixed June 2 for the order.
The case pertains to a bakery in Vadodara which was torched by a mob during the 2002 Gujarat riots, killing several people.
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 31, 2023
2003 में सभी आरोपियों को मिली थी राहत
इससे पहले बेस्ट बेकरी नरसंहार मामले की बड़ौदा फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा मुकदमा चलाया गया था और 2003 में सभी आरोपियों को राहत मिल गई थी। कारण शेख सहित प्रमुख गवाह मुकर गए थे। बेस्ट बेकरी मालिक की बेटी जहीरा शेख ने 21 आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
अजमेर विस्फोट कांड में गिरफ्तार हुए थे गोहिल और सोलंकी
गुजरात हाईकोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। इसके बाद जहीरा शेख ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की मदद से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने पुर्नजांच और पुर्नविचार करने का आदेश दिया और मामले को मुंबई ट्रांसफर कर दिया था। सुनवाई के बीच रावजीभाई सोलंकी और मफत मणिलाल गोहिल को दो अन्य लोगों के साथ अजमेर विस्फोट मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें बेस्ट बेकरी केस में फरार अभियुक्त के तौर पर दिखाया गया।
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