United States Kailasa: रेप के केस में फरार विवादित धर्मगुरु नित्यानंद एक बार फिर चर्चा में है। फरवरी 2023 में संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में एक महिला की तस्वीर दिखी और फिर नित्यानंद और उसके नए देश ‘कैलासा’ की अचानक चर्चा होने लगी। बता दें कि अक्टूबर 2019 में नित्यानंद देश छोड़कर फरार हो गया था। एक साल बाद उसने ‘कैलासा’ के नाम से एक वेबसाइट लॉन्च की। वेबसाइट के मुताबिक, ये विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल हिंदू राष्ट्र है।
अगस्त 2020 में नित्यानंद ने रिजर्व बैंक ऑफ कैलासा लॉन्च करने की घोषणा की थी। साथ ही उसने अपने देश की आधिकारिक मुद्रा को ‘कैलाशियन डॉलर’ नाम दिया था। कैलासा की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि 150 देशों में उनका दूतावास भी है।
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कैलासा में बोली जाती है ये भाषाएं
वेबसाइट के मुताबिक, कैलासा देश में बोली जाने वाली भाषाओं में अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल शामिल है। इस देश का राष्ट्रीय पशु नंदी हैं जबकि राष्ट्रीय ध्वज भी है। झंडे पर नित्यानंद की तस्वीर लगी है। भारत की तरह कैलाशा का राष्ट्रीय फूल कमल और राष्ट्रीय वृक्ष बरगद बताया गया है।
आखिर कहां है नित्यानंद का देश कैलासा
भारत में नित्यानंद पर रेप और यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज हैं, हालांकि उसने इन आरोपों का खंडन करते हुए खुद को बेगुनाह भी बताया है। 2019 में देश से फरार होने के बाद उसने इक्वाडोर के तट पर एक आइलैंड खरीदा था जिसका नाम उसने भगवान शिव के नाम पर कैलासा रखा था, हालांकि इसके बाद से नित्यानंद कभी सार्वजनिक रूप से नहीं दिखा है।
नित्यानंद के कैलाशा में 20 लाख आबादी का दावा
जेनेवा में 24 फरवरी को हुई संयुक्त राष्ट्र की बैठक में कैलासा के डेलिगेशन में शामिल विजयप्रिया ने दावा किया कि धर्मगुरु के देश में 20 लाख अप्रवासी हिंदू रहते हैं। जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकार समिति (CESCR) की ओर से आयोजित चर्चा के दौरान विजयप्रिया ने हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्माध्यक्ष नित्यानंद के लिए सुरक्षा की मांग की। दरअसल, UN की इस चर्चा में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर बातचीत होती है। इस चर्चा में कोई भी व्यक्ति या समूह या संस्था जाकर अपनी बात रख सकता है।
कैसे कोई अपना देश बना सकता है, कैसे मिलती है मान्यता?
नित्यानंद के रिपब्लिक ऑफ कैलासा के पास वो सब है जो किसी मान्यता प्राप्त देश के लिए जरूरी होता है। जैसे- अपना करेंसी, मान्यता प्राप्त लैंग्वेज, नेशलन फ्लावर, नेशनल एनिमल, नेशनल फ्लैग आदि। फिलहाल नित्यानंद के कैलासा को संयुक्त राष्ट्र से मान्यता मिलने के बारे में कुछ ठोस जानकारी नहीं है, क्योंकि नित्यानंद भारत की तरफ से भगौड़ा घोषित है। इंटरपोल ने नित्यानंद के खिलाफ नोटिस जारी किया है। अब सवाल है कि आखिरी कोई अपना देश बनाना चाहे तो ये कैसे संभव है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसी नए देश के लिए इंटरनेशनल लॉ की कई शर्तों को पूरा किया जाना बिलकुल जरूरी होता है। इन जरूरी शर्तों को पूरा करने के बावजूद अगर किसी तरह की कोई शंका या आशंका होती है तो आपकी मान्यता रद्द हो सकती है।
अलग देश बनाने के लिए आखिर क्या शर्तें हैं?
किसी को अपना अलग देश बनाने के लिए सबसे जरूरी है, देश के बॉर्डर यानी सीमा का तय होना। यानी आपका देश कहां से शुरू हो रहा है और इसकी सीमा कहां खत्म होती है। दूसरी जरूरी चीज है कि संयुक्त राष्ट्र से मान्यता मिलना। कई बार कुछ छोटे देश अपने जैसे दूसरे देशों को मदद के लिए मान्यता दे देते हैं और उनसे लेनदेन करते रहते हैं।
देश की मान्यता मिलने से क्या फायदा?
दरअसल, यूनाइटेड नेशन्स से मान्यता मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय बैंक या फिर किसी बड़े देश से लोन लेने के रास्ते आसान हो जाते हैं। यूनाइटेड नेशन्स से मान्यता के लिए सेक्रेटरी जनरल को चिट्ठी लिखनी होती है। जानकारी के मुताबिक, चिट्ठी मिलने के बाद नए देश की मान्यता पर यूएन चार्टर में सवाल-जवाब होते हैं कि क्यों आप एक अलग देश हैं? कैसे दुनिया के लिए आप फायदेमंद हो सकते हैं? नए देश की मान्यता के लिए किए जाने वाले सवाल-जवाब में आपको खुद को शांतिप्रिय भी साबित करना होगा।
कौन है भगोड़ा धर्मगुरु नित्यानंद?
तमिलनाडु में एक जनवरी 1978 को नित्यानंद का जन्म हुआ था। 1992 में स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद नित्यानंद ने 1995 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। भारत में रहने के दौरान दावा किया था कि 12 साल की उम्र से ही उसने रामकृष्ण मठ में शिक्षा लेना शुरू किया था। जनवरी 2003 के बाद से नित्यानंद ने कई आश्रम खोले।
2010 में नित्यानंद के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। इसी साल उसकी एक सेक्स CD सामने आई थी। मामले में उसे गिरफ्तार भी किया गया था। 2 साल बाद 2012 में नित्यानंद पर रेप का मामला दर्ज किया गया था। नवंबर 2019 में भी उसके खिलाफ लड़कियों का अपहरण करने और उन्हें बंधक बनाने का मामला दर्ज किया गया था।
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