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‘ट्रंप को टैरिफ पर भेदभाव से नुकसान होगा’, पूर्व विदेश राज्य मंत्री MJ अकबर ने क्यों कहा ऐसा?

Trump Tarrif Latest Update: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ पर देश के पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने टैरिफ को अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए काफी नुकसानदायक बताया है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप पर भारत के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति […]

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 7, 2025 16:35
MJ Akbar | Trump Tarrif | Pakistan China
एमजे अकबर ने अमेरिका पर भारत से भेदभाव करने का आरोप लगाया है।

Trump Tarrif Latest Update: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ पर देश के पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने टैरिफ को अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए काफी नुकसानदायक बताया है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप पर भारत के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के पाकिस्तान के प्रति पक्षपात ने अमेरिका और भारत के द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाया है। 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले से पहले भड़काऊ बयान देने के बावजूद राष्ट्रपति ट्रंप के द्वारा पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर को ‘लुभाना’ अजीब बात है।

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दोनों देशों के प्रयासों पर पानी फेर दिया

एमजे अकबर ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम ने भारत और अमेरिका के राजनीतिक वर्गों द्वारा किए गए 20 साल के प्रयासों को मिट्टी में मिला दिया है, लेकिन अमेरिका के लिए यह दिखावा करना बहुत मूर्खता होगी कि कोई नुकसान नहीं हुआ है। अमेरिका को अपनी 2 कानूनों वाली नीति बंद करनी होगी। एक कानून अमेरिका ने अपने लिए बनाया है और दूसरा कानून दुनिया के लिए बनाया है, जो स्वीकार नहीं है। जनरल मुनीर पाकिस्तान के वही सेना प्रमुख हैं, जिन्होंने अपने भाषण में वर्चस्ववाद, फासीवाद और धर्म-आधारित फासीवाद के सिद्धांत का परिचय दिया था। क्या राष्ट्रपति ट्रंप को मुनीर का वह भाषण नहीं दिखाया गया है?

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चीन से संबंध उतार-चढ़ाव भरे रहे

एमजे अकबर ने कहा कि चीन के साथ भारत के संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं। साल 1962 से देख रहे हैं और दोनों देशों के संबंध अब बदलाव के दौर से गुजर रहे है। चीन के साथ कभी-कभार हुई झड़पों को छोड़ दें तो किसी भी देश ने 1988 की संधि का उल्लंघन नहीं किया है। चीन के साथ संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 1988 में हुए समझौते को संधि का रूप दिया गया था, जिसके तहत दोनों देश सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए हुए हैं। 40 वर्षों से, सीमा पर एक भी गोली नहीं चली है। दोनों देशों ने सीख लिया है कि जिस संधि पर उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं, उसका सम्मान कैसे किया जाए। सीमा विवाद को एक तरफ रखते हुए दोनों देश टूरिज्म को पुनर्जीवित करने पर बात कर रहे हैं। आगे भी भारत और चीन को अपनी विदेश नीति पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

First published on: Aug 07, 2025 04:31 PM

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