Trainee IAS Pooja Khedkar: महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर मंगलवार को भी रिपोर्ट करने उत्तराखंड के मसूरी नहीं आईं। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में उनको मंगलवार तक हर हालत में रिपोर्ट करने के लिए वक्त दिया गया था। ट्रेनी आईएएस अधिकारी के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाने के गंभीर आरोप हैं। वे पहले भी विवादों में रह चुकी हैं। उनसे जुड़े विवाद अब भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS न तो एकेडमी में पहुंचीं हैं और न ही इस बाबत कोई आधिकारिक पत्र दिया है।
पुणे पुलिस लगातार पूजा के बारे में पता लगा रही है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक वे कहां हैं? किस हालत में हैं? कोई पता पुलिस को नहीं लग सका है। पूजा खेडखर ने पहले अलग-अलग अकादमियों को मॉक इंटरव्यू दिया था। पूजा ने स्वीकार किया था कि उनके माता-पिता अलग हो चुके हैं। कुछ इंटरव्यू में तो उन्होंने तलाक की बातें भी स्वीकार की थीं। उन्होंने कहा था कि पात्र ओबीसी सर्टिफिकेट का दावा वे तलाक के आधार पर ही कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक पूजा के पिता ने लोकसभा चुनाव लड़ा था।
IAS में धांधली 🙆♂️
---विज्ञापन---IAS #PoojaKhedkar, who fraudulently got into IAS by submitting fake disability certificate. Her father #DilipKhedkar was state govt officer had also amassed eye popping wealth. His declared assets actual mkt value is over Rs 100 Cr while annual income Rs 1 cr. pic.twitter.com/xAP2imldfo
— Satyaagrah (@satyaagrahindia) July 10, 2024
पिता ने नहीं किया था तलाक का जिक्र
इसके लिए जो हलफनामा उन्होंने दिया, उसमें अपने तलाक का जिक्र नहीं किया था। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर रंजन कुमार शर्मा के अनुसार मामले की जांच की जाएगी। अभी दिल्ली से इस संदर्भ में निर्देश नहीं मिले हैं। निर्देश मिलते ही कार्रवाई शुरू कर देंगे। महाराष्ट्र सरकार से उनको आदेश मिले थे। जिसमें कहा गया था कि पूजा खेडकर के माता-पिता के बारे में पता किया जाए। उनकी जांच चल रही है। पूजा के पिता ने चुनाव के दौरान जो हलफनामा दिया था, उसमें 40 करोड़ की संपत्ति का दावा किया गया था।
UPSC ने दर्ज करवाई थी एफआईआर
विवादों में घिरने के बाद UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की ओर से पूजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। पूजा को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। पूजा से पूछा गया था कि क्यों न उनकी सिविल सेवा परीक्षा 2022 की दावेदारी को रद्द कर दिया जाए? साथ में उनको भविष्य में परीक्षाएं देने से भी क्यों ने रोका जाए? खेडकर के खिलाफ दिव्यांगता अधिनियम, आईटी एक्ट, धोखाधड़ी और जालसाजी की गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि पूजा ने फर्जी तरीके से परीक्षा दी थी। अपना और माता-पिता का नाम, फोटो और साइन तक बदल डाले थे। मोबाइल नंबर, पता और ईमेल आईडी भी गलत दी। जिसके कारण उनको लिमिट से अधिक बार परीक्षा में बैठने का मौका मिला।
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