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Tiger Deaths: बाघों के शिकार में आई कमी, सरकार ने संसद में पेश किए आंकड़े

नई दिल्ली से कुमार गौरव की रिपोर्टः बाघ को लेकर लगातार सरकार की तरफ से उसके संख्या बढ़ने का दावा किया जा रहा था। लेकिन अब चौंकाने वाली खबर सामने आई है। 2018 से 2022 बीच देश के बाघों की मौत की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार ने संसद में जवाब देते […]

Edited By : Kumar Gaurav | Updated: Apr 4, 2023 15:16
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Tiger Deaths Report

नई दिल्ली से कुमार गौरव की रिपोर्टः बाघ को लेकर लगातार सरकार की तरफ से उसके संख्या बढ़ने का दावा किया जा रहा था। लेकिन अब चौंकाने वाली खबर सामने आई है। 2018 से 2022 बीच देश के बाघों की मौत की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार ने संसद में जवाब देते हुए बाघ से जुड़े कई आंकड़े पेश किए है।

उसमे बताया गया है कि 2022 में देश भर में 131 बाघों की मौत हुई है,जबकि बाघों का शिकार घटा है। 2022 में 108 बाघ प्राकृतिक और अन्य कारणों से मरे, जबकि शिकार की वजह से 10 बाघों की मौत हुई और अप्राकृतिक कारणों से 3 बाघों की मौत हुई।

2021 में 127 बाघों की हुई मौत

वहीं 2021 में 127 बाघ मरे हैं, जिसमे से शिकार की वजह से 18 बाघ मरे, अप्राकृतिक कारणों से 8 बाघ मरे वही प्राकृतिक और अन्य कारणों से 101 बाघों की मौत हुई है।

जबकि 2020 में 106 बाघ मरे। जिसमें से शिकार की वजह से 15, अप्राकृतिक कारणों से 1 और प्राकृतिक वजह से 90 बाघों की मौत हुई है। 2019 में 96 बाघ मरे, जिसमें अवैध शिकार की वजह से 27, अप्राकृतिक कारण से 3 और प्राकृतिक और अन्य कारण से 66 बाघ मरे।

बाघों की मौत में आई तेजी

इससे पहले 2018 में कुल 101 बाघों की मौत हुई। जिसमे से अवैध शिकार की वजह से 44, अप्राकृतिक कारणों से 4 जबकि 53 बाघों की सामान्य मौत हुई। केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए डाटा के मुताबिक 2018 से 2022 के बीच अवैध शिकार रूकने की वजह से बाघों की मौत में लगातार गिरावट आई है, पोचिंग में एक चौथाई की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि नेचुरल डेथ की संख्या दो गुनी से अधिक हो गई है। सरकार के आकड़ों के मुताबिक 2018 में बाघों की देश में कुल जनसंख्या 2 हजार 967 थी।

First published on: Apr 04, 2023 02:31 PM

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