Telangana CM KCR To Visit Siddipet Konaipally Venkateswara Swamy Temple: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) आज शनिवार को अपना पर्चा भरेंगे। वे गजवेल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले वे कोनैपल्ली वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर पहुंचेंगे। केसीआर अपने अराध्य के चरणों में नामांकन पत्र रखकर विशेष अनुष्ठान करेंगे। मान्यता है कि केसीआर के लिए वेंकटेश्वर मंदिर काफी शुभ है। वे अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत से हर चुनाव में मंदिर आते हैं। जहां हर चुनाव में उन्हें वेंकटेश्वर से केसीआर को जीत का आशीर्वाद मिलता है।
जानकारी के अनुसार, 1985 से हर चुनाव में सबसे पहले नामांकन पत्र को भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के सामने रखकर विशेष पूजा की प्रथा चली आ रही है। 2018 के चुनाव में भी केसीआर मंदिर पहुंचे थे। जहां उन्होंने पूजा की थी।
ఎర్రవల్లిలో ముఖ్యమంత్రి కేసీఆర్ గారి వ్యవసాయ క్షేత్రం వేదికగా చేపట్టిన రాజశ్యామలా సహిత సుబ్రహ్మణ్యేశ్వర యాగం రెండో రోజూ కొనసాగుతోంది.
యాగంలో ఈరోజు ప్రధానంగా రాజశ్యామల యంత్ర పూజ నిర్వహించారు. ముఖ్యమంత్రి శ్రీ కేసీఆర్ దంపతులు స్వయంగా ఈ పూజలో పాల్గొన్నారు. విశాఖ శారదా… pic.twitter.com/ncq8xaeABw
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मंदिर में पूजा के बाद की थी तेलंगाना आंदोलन की शुरुआत
कोनैपल्ली वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर सिद्दीपेट जिले के नंगुनूर मंडल में कोनैपल्ली गांव में है। केसीआर ने तेलंगाना अलग राज्य बनाने का आंदोलन भी वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-पाठ के बाद शुरू किया था। 2001 में केसीआर ने तेलुगु देशम पार्टी के प्राथमिक सदस्य, विधानसभा उपाध्यक्ष और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। उसी दिन कोनैपल्ली वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेकर टीआरएस की स्थापना की थी। उन्होंने पार्टी के लिए झंडा बनवाया। गीत और स्लोगनों के कैसेट बनवाए। दोनों को भगवान के सामने रख दिया। 14 साल बाद जब तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा हुआ तो यहीं से मंदिर सभी की नजरों में आ गया।
जब तेलंगाना राज्य का गठन हुआ तो केसीआर ने चुनाव अभियान में वादा किया कि वह गोदावरी के पानी से कोनैपल्ली वेंकन्ना के पैर धोएंगे और सिद्दीपेट में सिंचाई का पानी लाएंगे। बाद में केसीआर ने मंदिर का विस्तार करने का निर्णय लिया। उन्होंने मंदिर के पुर्ननिर्माण के लिए धन जुटाया और निर्माण कराया।
2004 में सभी विधायकों के नामांकन पत्र भगवान को सौंपे
2004 में तेलंगाना से लड़ रहे टीआरएस विधायकों के उम्मीदवारों के पर्चे भगवान वेंकटेश्वर के सामने रखे गए और उन्हें सौंप दिया गया। केसीआर ने उप चुनाव में करीमनगर संसद और सिद्दीपेट विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा। दोनों जगहों से जीत हासिल हुई। तब लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे। 2018 में सीएम केसीआर और मंत्री हरीश राव ने यहां आकर अपने नामांकन पत्र भगवान को सौंपे थे। दोनों को सफलता मिली थी।
किसान ने 5 दशक पहले बनवाया था मंदिर
पांच दशक पहले कोनैपल्लीलोगुडेम एलारेड्डी नाम का एक किसान लोगों को दवाएं बांटता था। उसने रोगियों की सेवा मुफ्त में की। इससे वहां लोगों की भीड़ जुटने लगी। एलारेड्डी ने गांववालों को बताया कि उनके सपने में वेंकटेश्वर स्वामी आए थे और उन्होंने गांव में मंदिर बनाने के लिए प्रेरित किया था। मंदिर का निर्माण 1975 में गांव वालों की मदद से हुआ। अन्य सभी मंदिरों से भिन्न यहां स्वामी की मूर्ति दक्षिणी कोने में स्थापित है। प्रतिमा के सामने एक ध्वजस्तंभ खड़ा किया गया है। तब से हर साल गांववालों की मदद से स्वामी की शादी धूमधाम से मनाई जाती है। यहां 50 लाख रुपए से बना एक कल्याण भवन भी है।
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