Karur Stampede: तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को एक्टर विजय की रैली के दौरान भगदड़ मचने से 40 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हादसे में 50 से ज्यादा लोग घायल हैं जिनका इलाज अस्पताल में जारी है. करूर में हुई दुर्घटना को लेकर अब विपक्ष सत्ता पक्ष पर हावी होता नजर आ रहा है. घटना के बाद से ही लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
इस घटना के बाद आज एनडीए-भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य उस अस्पताल पहुंचे जहां 27 सितंबर की भगदड़ में घायल हुए लोग भर्ती हैं. डेलिगेशन ने वहां भर्ती मरीजों से बात की.
विजय को इतने लोगोंको आमंत्रित नहीं करना चाहिए- हेमा मालिनी
करूर हादसे को लेकर भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा, यह बहुत ही भयानक और बड़ी भगदड़ है. राजनीति के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था…प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए था, लेकिन वे ऐसा करने में नाकाम रहे. लोगों को भी इस पर बहुत बुरा लग रहा है. मैंने उस जगह जाकर देखा जहां भगदड़ हुई थी. ऐसी स्थिति देखकर बहुत दुख हुआ…इस सब के लिए कौन जिम्मेदार है, हम जानना चाहते हैं. विजय को यह देखना चाहिए था कि अगर वह इतने लोकप्रिय हैं, तो उन्हें इतने लोगों को आमंत्रित नहीं करना चाहिए.’
सब कुछ कानून के खिलाफ हुआ- वकील मणिकंदन
वहीं, दूसरी ओर टीवीके के वकील, एडवोकेट मणिकंदन का भी बयान आया है. उन्होंने कहा, ‘तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें करूर जिला सचिव और दो अन्य लोग भी शामिल हैं. टीवीके की ओर से, हमने कहा है कि उनसे कानून के अनुसार अनुमति मांगी गई थी और बैठक कानून के अनुसार आयोजित की गई थी. सब कुछ कानून के खिलाफ हुआ. पुलिस सभा के लिए पर्याप्त पुलिसफोर्स उपलब्ध कराने में विफल रही. हमने 10,000 लोगों के लिए अपना पत्र दिया था… पुलिस की सलाह से एक बैठक रद्द कर दी गई थी… वे हमारे लिए सलाह दे सकते थे कि भीड़ बढ़ेगी और उसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता.
न्यायाधीश ने कहा है कि कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने जमानत याचिका दायर करने की स्वतंत्रता दी है और आगे की कार्रवाई कानून के अनुसार होगी. न्यायाधीश ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत मंजूर की है.
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आम नागरिकों की जान गई है, कौन जिम्मेदार है- अनुराग ठाकुर
करूर हादसे पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘कौन जिम्मेदार है? इसकी स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. हमारा मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश को इस मामले की जांच करनी चाहिए और सर्वोच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके.’
उन्होंने आगे कहा, हालांकि आसपास के इलाकों में 3-4 अस्पताल थे, लेकिन घायलों को वहां नहीं ले जाया गया. उन्हें यहां लाया गया और इसमें काफी समय लगा. इसके बाद हम जिला अधिकारियों से मिलेंगे, हमने उनसे पूछने के लिए सवालों की एक सूची तैयार की है.