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छात्रों से ‘जय श्री राम’ का नारा लगवाकर विवादों में घिरे तमिलनाडु के राज्यपाल, विपक्ष ने दी ये नसीहत

मदुरै के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने कहा कि आज के दिन हम उस महापुरुष को श्रद्धांजलि दें, जो श्रीराम के महान भक्त थे। मैं कहूंगा 'जय श्री राम', आप भी कहिए 'जय श्री राम'। राज्यपाल द्वारा छात्रों से 'जय श्री राम' का नारा लगवाने के इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 13, 2025 20:54
Tamil Nadu Governor RN Ravi
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि।

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि विवादों से दूर होते नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला मदुरै के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से जुड़ा है। मदुरै के त्यागराज इंजीनियरिंग कॉलेज में हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। जहां उन्होंने अपने भाषण के दौरान छात्रों से ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा। छात्रों से ‘जय श्री राम’ का नारा लगवाने को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है। राज्यपाल के इस भाषणा का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह छात्रों से कम्ब रामायण लिखने वाले एक प्राचीन कवि को श्रद्धांजलि देने के लिए यह नारा लगाने की अपील करते दिख रहे हैं।

‘राज्यपाल एक धार्मिक नेता की तरह बोल रहे हैं’

इस घटना से विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस विधायक जेएमएच हसन मौलाना ने कहा कि राज्यपाल की टिप्पणी बेहद निंदनीय है क्योंकि वह आरएसएस और भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणी आरएन रवि को उनके संवैधानिक पद पर आसीन होने के लिए शोभा नहीं देती। वहीं, वेलाचेरी विधायक ने कहा, ‘राज्यपाल देश के सर्वोच्च पदों में से एक पर हैं, लेकिन वह एक धार्मिक नेता की तरह बोल रहे हैं। वह आरएसएस और भाजपा के प्रचार गुरु बन गए हैं। राज्यपाल इस तरह से काम नहीं कर सकते।’

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उन्होंने आगे कहा, ‘तमिलनाडु के राज्यपाल जो कर रहे हैं, वह अत्यंत निंदनीय है। वह तमिलनाडु में आरएसएस के चेहरे की तरह काम कर रहे हैं और उसकी विचारधारा का प्रसार कर रहे हैं। वह जिस पद पर हैं, वह एक संवैधानिक पद है, इसलिए उन्हें तटस्थ रहना चाहिए।’

राज्यपाल को तत्काल पद से हटाने की मांग

इस मामले को लेकर राज्य मंच फॉर कॉमन स्कूल सिस्टम, तमिलनाडु (एसपीसीएसएस) ने कड़ी निंदा की है। साथ ही उन पर संवैधानिक शपथ का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है और उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की गई है। एसपीसीएसएस ने इस मामले को असंवैधानिक और गवर्नर कार्यालय की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति के खिलाफ बताया। रविवार को जारी एक बयान में एसपीसीएसएस ने कहा, ‘आरएन रवि को तमिलनाडु राज्य के राज्यपाल की हैसियत से मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्हें किसी विशेष धर्म के प्रचारक के रूप में आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्हें धार्मिक उपदेश देने के लिए नहीं कहा गया था।’

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पहले भी विवादों में घिर चुके हैं राज्यपाल रवि

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब राज्यपाल रवि खुद राजनीतिक विवादों में घिरे हैं। इससे पहले तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित 10 विधेयकों को मंजूरी न देने के लिए उन्हें सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना का सामना करना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित 10 विधेयकों को रोके रखने के राज्यपाल के फैसले को ‘अवैध’ करार दिया था। अदालत ने कहा था कि राज्यपाल विधेयकों पर अनिश्चितकाल तक कार्रवाई नहीं टाल सकते। इसे DMK सरकार की बड़ी जीत माना गया था।

First published on: Apr 13, 2025 08:50 PM

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