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तहव्वुर राणा के खिलाफ NIA के वकील दयान कृष्णन कौन? ‘पहली बॉल’ पर आतंकी रिमांड पर

26/11 हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के खिलाफ केस लड़ने वाले दयान कृष्णन भारत के शीर्ष आपराधिक वकीलों में से एक हैं। उन्होंने बहुत से आपराधिक केस लड़े हैं और जीत हासिल की है। जानिए उनके करियर और केस से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य।

Author Edited By : Hema Sharma Updated: Apr 11, 2025 07:30
Who Is Dayan Krishnan
Who Is Dayan Krishnan

Who Is Dayan Krishnan: साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा भारत पहुंच चुका है। उसे अमेरिका से प्रत्यर्पण के विशेष विमान द्वारा बीते दिन शाम करीब 6.30 बजे उतारा गया। सभी का ध्यान इस केस पर केंद्रित है, और लोग ये भी जानना चाहते हैं कि आखिर वो कौन सा वकील दयान कृष्णन है जो तहव्वुर राणा के खिलाफ केस लड़ने वाले हैं । आइए जानते हैं दयान कृष्णन के बारे में विस्तार से…

कौन हैं दयान कृष्णन?

भारत के सर्वोच्च आपराधिक वकीलों में से एक और सुप्रीम कोर्ट के अनुभवी वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन
को कौन नहीं जानता। वो 26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के खिलाफ एनआईए के अभियोजन का नेतृत्व करेंगे। पाकिस्तान में जन्मे कनाडाई नागरिक राणा, अमेरिका में एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद बीते दिन एक चार्टर्ड फ्लाइट से दिल्ली आ गए हैं। 64 वर्षीय राणा की वापसी मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के लंबे समय से चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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कई बड़े आपराधिक केस लड़ चुके हैं दयान कृष्णन

दयान कृष्णन वो अनुभवी अधिवक्ता हैं जो कई ऐसे बड़े आपराधिक केस लड़ चुके हैं जिन्होंने भारत की नींव हिलाने की कोशिश की है। भारत के पहले राष्ट्रीय विधि विद्यालय से 1993 में स्नातक – और कथित तौर पर इसके उद्घाटन बैच का हिस्सा – कृष्णन ने 1999 में अपनी प्रैक्टिस शुरू की। पिछले कुछ सालों में वे भारतीय कानूनी प्रणाली में एक प्रमुख व्यक्ति बन गए हैं। उन्होंने 2001 के संसद हमले के मुकदमे से लेकर कावेरी जल विवाद जैसे ऐतिहासिक मामलों को संभाला है।

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2010 से 26/11 केस से जुड़े हैं दयान कृष्णन

कृष्णन साल 2010 से 26/11 मामले और तहव्वुर राणा केस से जुड़े हुए हैं। ऐसे में उन्हें इस केस की बारीकियों के बारे में अच्छे से पता है। दयान 2010 से 26/11 मामले से जुड़े हुए हैं, जिसमें शिकागो में डेविड कोलमैन हेडली से पूछताछ करने वाली एनआईए टीम का हिस्सा भी बने थे। 2014 में, उन्हें हेडली और राणा दोनों के प्रत्यर्पण मामलों में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था। उन्होंने रवि शंकरन (2011) और रेमंड वर्ली (2012) के प्रत्यर्पण मामलों में भी भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया, दोनों में गंभीर आपराधिक आरोप शामिल थे। वो दयान कृष्णन ही हैं जिन्होंने अपनी अदालती दलीलों से अमेरिकी अदालतों को राणा की प्रत्यर्पण याचिकाओं को खारिज करने के लिए राजी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एक नजर कानूनी टीम पर

कृष्णन को अदालत में विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान का समर्थन प्राप्त होगा, जो एक अनुभवी आपराधिक वकील हैं। जिन्होंने पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्रीय जांच ब्यूरो का प्रतिनिधित्व किया है। कानूनी टीम में अधिवक्ता संजीवी शेषाद्रि, श्रीधर काले और एनआईए के वकील भी शामिल होंगे।

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Edited By

Hema Sharma

First published on: Apr 11, 2025 07:30 AM

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