Supreme Court Verdict Article 370: जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को रद्द करने के फैसले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी। याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह फैसला कई लोगों के लिए पथप्रदर्शक था। वहीं कुछ का दिल तोड़ने वाला था। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले का केंद्र की समझ से कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि सोमवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले को बरकरार रखा। इस अनुच्छेद के तहत 1949 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था। हालांकि यह अस्थायी था। इसके बाद मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 को अवैध घोषित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने सितंबर में 16 दिनों तक मामले की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।
"For most pathbreaking, for some heartbreaking": Kapil Sibal after SC upholds Centre's revocation of Article 370 from J-K
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सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
फैसला सुनाते समय सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र की ओर से लिये गये हर फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती। वहीं कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में विपक्ष के सवालों के जवाब दिये। इससे पहले शुक्रवार को गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में आरक्षण और पुनर्गठन से जुड़े 2 बिलों को टेबल किया था।
सिर्फ कश्मीर में आतंकवाद क्यों पनपा?
शाह ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर निरस्त किया गया। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 42 हजार लोग मारे गए। आखिर वे क्यों मारे गए। यह हिंदू और मुसलमानों का सवाल नहीं है। कश्मीर की तुलना में गुजरात, बिहार, यूपी और असम में मुसलमानों की संख्या अधिक है। लेकिन इन राज्यों में कहीं पर भी अलगाववाद नहीं हुआ। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राजस्थान और गुजरात की सीमाएं भी पाकिस्तान से लगती है लेकिन कश्मीर में ही आतंकवाद क्यों पनपा? क्योंकि आर्टिकल 370 के कारण अलगाववाद को बढ़ावा मिला। जिससे कश्मीर में आतंकवाद फैलता चला गया।
Supreme Court
Article 370 VerdictFor most pathbreaking
For some heartbreakingLaw
The court’s verdict had little to do with government’s own understanding of Article 370 !The moving finger of the court moves on…..
With no surprises !
— Kapil Sibal (@KapilSibal) December 12, 2023