On sanatan statement SC sent notice to Udhayanidhi Stalin: तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके सरकार में मंत्री और एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजा है। कोर्ट ने ये नोटिस उनके सनातन धर्म के खिलाफ दिए विवादित बयान को लेकर जारी किया है। देश के सबसे बड़े कोर्ट ने स्टालिन और ए राजा समेत 14 पक्षकारों के खिलाफ अपना चाबुक चलाया है।
सनातन पर बयान को लेकर उदयनिधि और ए राजा पर सुप्रीम ‘चाबुक’
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने बी जगन्नाथ की तरफ से दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन के साथ-साथ डीएमके सांसद ए राजा समेत सांसद थिरुमावलवन, सांसद सु वेंकटेशन, तमिलनाडु के डीजीपी, ग्रेटर चेन्नई पुलिस कमिश्नर, तमिलनाडु राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पीटर अल्फोंस, हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के मंत्री पीके शेखर बाबू समेत 14 पक्षकारों को नोटिस जारी किया है। वहीं, चेन्ननई के एक वकील ने याचिका में मांग की है कि तमिलनाडु में सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे कार्यक्रमों को असंवैधानिक करार दिया जाए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को हेट स्पीच से जोड़ने से इनकार कर दिया है।
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन को खत्म को लेकर दिया था बयान
बता दें कि उदनिधि स्टालिन ने बीती दो सिंतबर को सनातन धर्म उन्मूलन कार्यक्रम में बोलते हुए सतातन की डेंगू और मलेरिया की बीमारी से तुलना की थी। उन्होंने कहा था कि इसका विरोध ही नहीं बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म समाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का सिर्फ विरोध ही नहीं उसे खत्म किया जाना चाहिए। हम कोरोना, डेंगू और मलेरिया की बीमारी का विरोध नहीं कर सकते हैं। हमें इन्हें खत्म करना होगा, इसी तरह से हमें सनातन धर्म को खत्म करना चाहिए।