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सुप्रीम कोर्ट ने ED को लगाई फटकार, अधिकारी पर ठोका 1 लाख रुपये का जुर्माना

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी पर अदालत का समय बर्बाद करने के लिए 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अधिकारी द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका के बाद शीर्ष कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। प्रवर्तन निदेशालय को लगाई फटकार सुप्रीम कोर्ट […]

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Oct 28, 2022 21:40
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी पर अदालत का समय बर्बाद करने के लिए 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अधिकारी द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका के बाद शीर्ष कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।

प्रवर्तन निदेशालय को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट के 20 अक्टूबर के आदेश ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक कैंसर रोगी को जमानत देने के आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को फटकार लगाई और अनुमति देने वाले संबंधित अधिकारी पर याचिका दायर करने के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

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जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने ईडी द्वारा दायर मामले को खारिज कर कहा कि एजेंसी को स्टेशनरी, कानूनी फीस और कोर्ट का समय बर्बाद करते हुए ऐसी विशेष अनुमति याचिका दायर नहीं करनी चाहिए थी।शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिकारी पर लगाया गया खर्च उसके वेतन से वसूला जाए। इसे ईडी को चार सप्ताह के भीतर उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री में जमा करना है।

यह था मामला

कोर्ट ने कहा कि मामले के अजीबोगरीब तथ्यों और परिस्थितियों में और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि प्रतिवादी कैंसर से पीड़ित है और उसके बाद जब उसे जमानत पर रिहा किया गया है, तो इस अदालत द्वारा हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। विभाग को स्टेशनरी, कानूनी फीस और कोर्ट का समय बर्बाद करते हुए ऐसी विशेष अनुमति याचिका दायर नहीं करनी चाहिए थी।”

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ईडी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा नवंबर 2021 में प्रयागराज में एक्सिस बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर कमल अहसान को 2013 की एक शिकायत के संबंध में दी गई जमानत को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने अहसान को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि उन्हें असीमित अवधि के लिए सलाखों के पीछे नहीं डाला जा सकता है। यह भी ध्यान में रखा गया कि वह जांच में सहयोग कर रहे थे।

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Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Oct 28, 2022 09:40 PM

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