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मानसून सत्र में सरकार का सिरदर्द बनेगा SIR, विपक्ष ने पूरी कर ली तैयारी

Monsoon Session: सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है, जो 21 अगस्त तक चलेगा। इस बार सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के पास पर्याप्त मुद्दे हैं। लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा SIR रहेगा। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jul 20, 2025 15:20

Monsoon Session: 21 जुलाई से भारत के संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। इसमें विपक्ष मुद्दे तैयार कर रही है, वहीं सरकार उनके जवाब देने की तैयारी। रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे तैयार किए। इसमें पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर में ट्रंप की मध्यस्ता ट्रंप का जेट गिराने वाला बयान, अहमदाबाद प्लेन क्रैश रिपोर्ट, मणिपुर वस्तु और सेवा कर संशोधन बिल, दिल्ली में झुग्गियां तोड़ना जैसे कई मुद्दे शामिल है। लेकिन बिहार चुनाव से पहले बिहार में हो रहे मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) सबसे बडे़ मुद्दों में से एक होने वाला है। विपक्ष का हर दल इसका विरोध करता हुआ दिखाई दे रहा है।

आरजेडी, सपा और कांग्रेस के लिए अहम

बिहार चुनाव में इस बार बदलाव के लिए महागठबंधन जमकर मेहनत कर रहा है। आरजेडी और कांग्रेस बिहार चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टियां हैं। ये पार्टियां सीधे तौर पर बिहार में चुनाव लड़ेंगी। वहीं सपा अपना समर्थन आरजेडी को दे रही है। ऐसे में तीनों पार्टियां SIR का पुरजोर विरोध कर रही हैं। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सर के विरोध में प्रदर्शन किया था। इस रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। वहीं सपा भी कई बार सर पर सवाल उठा चुकी है।

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सर्वदलीय बैठक में भी उठा मुद्दा

मानसूत्र से पहले रविवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें सपा सांसद रामगोपाल यादव, आप सांसद संजय सिंह, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सत्र में सीधे तौर पर SIR के विरोध पर सहमति जताई। राम गोपाल यादव ने कहा कि बिहार में करोड़ों लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। यहां तक कि आप सांसद संजय सिंह यह भी दावा कर दिया कि SIR अभियान पर रोक नहीं लगी तो बिहार चुनाव का कोई मतलब है ही नहीं। साथ ही कहा कि मुझसे परिणाम लिखवा लीजिए। अगर SIR पर रोक नहीं लगी तो बीजेपी चुनाव से पहले ही बिहार जीत चुकी है।

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क्यों हो रहा SIR का विरोध

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान चला रही है। इसमें वैध मतदाताओं को छांटने के लिए एक फॉर्म भरवाया जा रहा है, साथ ही जांच के लिए 11 दस्तावेजों की सूची जारी की गई। इसमें से कोई एक देना है। लेकिन आधार कार्ड और पुरानी वोटर आईडी दस्तावेज को मान्यता नहीं है। बस इसी बात पर विपक्ष लगातार SIR का विरोध कर रहा है।

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First published on: Jul 20, 2025 03:20 PM

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