Sikkim Lake Burst India Army Air Force Plan To Rescue 3,000 People: सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के कारण फंसे लोगों को निकालने के लिए इंडियन आर्मी संकटमोचन बनेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय सेना और वायु सेना ने लाचेन और लाचुंग इलाके में फंसे करीब 3000 लोगों को निकालने के लिए प्लान तैयार किया है। सिक्किम के मुख्य सचिव विजय भूषण पाठक ने बताया कि सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से फंसे लोगों को प्रभावित इलाकों से निकाला जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि हम सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों से सभी को निकाल लेंगे। बता दें कि मंगलवार देर रात लगातार बारिश और बादल फटने के बाद सिक्किम में अचानक बाढ़ आ गई थी। बाढ़ के कारण लाचेन और लाचुंग इलाकों में पर्यटकों समेत 3,000 से अधिक लोग फंस गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 अक्टूबर को मौसम में सुधार के बाद हेलीकॉप्टरों के जरिए फंसे हुए पर्यटकों को निकाला जा सकता है। इसकी योजना राज्य सरकार, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना द्वारा संयुक्त रूप से बनाई जा रही है।
अब तक 19 लोगों की मौत
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि सिक्किम में अचानक आई बाढ़ से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई है।
लापता लोगों की तलाश अब तीस्ता नदी के निचले इलाकों पर केंद्रित है। सिक्किम में लापता सेना के जवानों का पता लगाने के लिए खोज और बचाव प्रयास जारी हैं।
जानकारी के मुताबिक, सिंगताम के पास बुरडांग में घटना स्थल पर सेना के वाहनों को खोदकर निकाला जा रहा है। खोजी अभियान में सहायता के लिए टीएमआर (तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू), ट्रैकर कुत्तों, विशेष राडार की टीमों को लगाया गया है। इस बीच, त्रिशक्ति कोर भारतीय सेना के जवानों ने लाचेन/चाटन, लाचुंग और चुंगथांग के क्षेत्रों में फंसे 1471 पर्यटकों का पता लगाया है।
बताया जा रहा है कि बाढ़ से क्षति का आकलन करने और सड़क संपर्क की बहाली की योजना के लिए सभी एजेंसियों की ओर से सर्वेक्षण किया जा रहा है। वाहनों के आवागमन के लिए एक लेन को साफ करने के साथ सिंगतम और बुरदांग के बीच सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया है। भारतीय सेना उत्तरी सिक्किम में फंसे नागरिकों और पर्यटकों को भोजन, चिकित्सा सहायता और संचार सुविधा बढ़ाने में भी सहायता प्रदान कर रही है।
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तीन अतिरिक्त प्लाटून मांगी है, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। रंगपो और सिंगताम कस्बों में एनडीआरएफ की एक प्लाटून पहले से ही सेवा में है। राज्य सरकार ने सिंगतम, रंगपो, डिक्चू और आदर्श गांव में 18 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।