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Shadow Cabinet क्या है? नवीन पटनायक का नया पैंतरा, बीजेपी पर नजर रखने का अनोखा तरीका

Shadow Cabinet in India: ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024 में शिकस्त मिलने के बाद नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी ने शैडो कैबिनेट बनाने का फैसला किया है। हालांकि पहले भी देश में शैडो कैबिनेट बन चुकी हैं।

Author Edited By : Sakshi Pandey Updated: Jul 20, 2024 15:29
Shadow Cabinet

What is Shadow Cabinet: ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 24 साल बाद चुनाव हारे हैं। हालांकि नवीन पटनायक की गिनती दिग्गज नेताओं में की जाती है। सत्ता में रहते हुए नवीन पटनायक ने राज्य की बागडोर को बखूबी संभाला तो वहीं विपक्ष में आने के बाद भी नवीन पटनायक ने सरकार पर नजर रखने का नया तरीका खोज निकाला है। नवीन पटनायक ने ‘शैडो कैबिनेट’ का गठन किया है। इसमें बीजू जनता दल (बीजेडी) के 50 विधायकों को शामिल किया गया है। नवीन पटनायक की ये शैडो कैबिनेट सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कामकाज पर नजर रखेगी।

50 विधायकों बनेंगे शैडो कैबिनेट का हिस्सा

राज्यसभा में कभी बीजेपी का साथ देने वाली बीजेडी अब ओडिशा में विपक्षी पार्टी बन गई है। बीजेडी ने 50 विधायकों को मिलाकर शैडो कैबिनेट तैयार की है। जिसकी लिस्ट पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शेयर की है। इस लिस्ट में मौजूद सभी 50 विधायकों को अलग-अलग मंत्रालयों की निगरानी करने का काम सौंपा गया है। तो आइए जानते हैं कि शैडो कैबिनेट के बारे में विस्तार से।

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विदेशों से आया शैडो कैबिनेट

शैडो कैबिनेट का कॉन्सेप्ट नया नहीं है। इसका उपयोग कई देशों में होता रहा है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और यूनाइटेड किंगडम में शैडो कैबिनेट बनती रही है। कनाडा में इसे विपक्षी आलोचक (Opposition Critic) के नाम से जाना जाता है। वहीं यूनाइटेड किंगडम में विपक्ष के वरिष्ठ नेता मिलकर शैडो कैबिनेट बनाते हैं।

भारत में कब-कब बनी शैडो कैबिनेट?

देश के कई राज्यों में विपक्षी दल शैडो कैबिनेट बना चुके हैं। इसी महीने की शुरुआत में राजस्थान कांग्रेस के विधायक टीकाराम ने शैडो कैबिनेट बनाने का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजस्थान में शैडो कैबिनेट बनाने पर विचार कर रही है। कांग्रेस के युवा विधायक इस कैबिनेट का हिस्सा बनेंगे और बीजेपी शासित मंत्रालयों पर नजर रखेंगे।

2005 और 2015 में बनी शैडो कैबिनेट

इसके अलावा 2005 में बीजेपी और शिव सेना ने मिलकर महाराष्ट्र में शैडो कैबिनेट बनाई था। उस दौरान राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और विलासराव देशमुख महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। 2015 में बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश में भी सीएम शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल पर नजर रखने के लिए कांग्रेस ने शैडो कैबिनेट बनाई थी।

संविधान में नहीं है जिक्र

हालांकि ये सभी शैडो कैबिनेट अनऔपचारिक रूप से बनाई गई थीं। मगर ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने औपचारिक रूप से शैडो कैबिनेट बनाने का अनाउंसमेंट कर दिया है। भारतीय संविधान में भी शैडो कैबिनेट शब्द मौजूद नहीं है। मगर समय-समय पर सत्तारूढ़ दल को मनमानी करने से रोकने के लिए विपक्षी पार्टियां शैडो कैबिनेट का इस्तेमाल करती नहीं रही हैं।

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First published on: Jul 20, 2024 03:28 PM

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