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14 साल का छात्र लड़का AI से बनाता था लड़के-लड़कियों की अश्लील तस्वीरें; पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा

School Children Morphed Image Case, तिरुवनंतपुरम: केरल में स्कूली बच्चों की आपत्तिजनक तस्वीरों की शिकायतों की जांच में बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच के मुताबिक सिर्फ 14 साल का लड़का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिये इस कांड को अंजाम देता था। इंस्टाग्राम और टेलीग्राम समेत विभिन्न सोशल मीडिया […]

Edited By : Balraj Singh | Updated: Sep 30, 2023 22:15
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School Children Morphed Image Case, तिरुवनंतपुरम: केरल में स्कूली बच्चों की आपत्तिजनक तस्वीरों की शिकायतों की जांच में बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच के मुताबिक सिर्फ 14 साल का लड़का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिये इस कांड को अंजाम देता था। इंस्टाग्राम और टेलीग्राम समेत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मदद लेकर मोबाइल का पता लगाया और उसकी पहचान कर ली गई है, लेकिन नाबालिग होने की वजह से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।

  • 30 अगस्त को दर्ज चाइल्ड राइट्स फाउंडेशन नामक एनजीओ के सचिव वैद्यनाथ कुमार ने कराई थी रांची साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज

मामला सोशल मीडिया के माध्यम से स्कूली बच्चों की एआई-जनित आपत्तिजनक फोटो वायरल किए जाने का है। ध्यान रहे, 30 अगस्त को दर्ज चाइल्ड राइट्स फाउंडेशन नामक एनजीओ के सचिव वैद्यनाथ कुमार की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए झारखंड के रांची साइबर क्राइम थाने की टीम ने बीते दिनों केरल के कन्नूर जिले में हाइमा ओपी हाउस के रहने वाले अरुण बाबू को गिरफ्तार किया था। यह बच्चों के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बेचने वाले गिरोह का सदस्य है।

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शिकायतकर्ता वैद्यनाथ कुमार की मानें तो आरोपी अरुण टेलीग्राम चैनल के जरिये चाइल्ड सेक्स वीडियो और स्काॅट सर्विस के नाम पर एक ओपन ग्रुप चला रहा था। उन्होंने (वैद्यनाथ कुमार ने) एक साल तक दिल्ली कॉल गर्ल ग्रुप का सदस्य बनकर निगरानी की। इसी बीच लड़कियों का अड्डा नामक ग्रुप में जुड़ने के लिए लिंक मिला। चाइल्ड सेक्स पोर्नोग्राफी वीडियो के लिए आया मैसेज अपने आप डिलीट हो गया और बाद में 220 रुपए का भुगतान करने पर उसमें देश के छोटे-छोटे बच्चों के साथ बनाए गए अश्लील वीडियो मिले।

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उधर, इस मामले का केरल कनेक्शन सामने आने के बाद केरल का साइबर क्राइम ब्रांच भी सक्रिय हो गई। सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित स्कूली बच्चों की आपत्तिजनक तस्वीरों की विभिन्न शिकायतों की एक महीने की लंबी जांच के बाद ब्रांच ने इंस्टाग्राम और टेलीग्राम समेत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मदद से मोबाइल नंबर का पता लगाते हुए 14 वर्षीय लड़के की पहचान की।

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हालांकि इस बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नाबालिग होने के चलते पुलिस इस लड़के को गिरफ्तार नहीं कर सकती। पता चला है कि आरोपी ने अपने सहपाठियों की तस्वीरों का इस्तेमाल किया, जो उसे स्कूल के सोशल मीडिया समूहों से मिली थी। इसके बाद उन्हें AI के जरिये मॉर्फ किया और आगे प्रसारित कर दिया। उसने और उसके कुछ सहयोगियों ने सोशल मीडिया पर कई फर्जी अकाउंट्स का इस्तेमाल किया और कथित तौर पर बच्चों को धमकी भी दी। पुलिस अधिकारी का कहना है, ‘एक सामाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट एक सक्षम अदालत के समक्ष दायर की जाएगी। नाबालिग आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष बुलाया जाएगा’।

First published on: Sep 30, 2023 10:09 PM
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