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सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन, मुंबई में ली आखिरी सांस

Subrata Roy Death: सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार देर शाम निधन हो गया। उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली।   

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Nov 15, 2023 00:23
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subrata roy passes away
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Subrata Roy Death: सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार देर शाम निधन हो गया। उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे। उनके निधन की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है।

मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इसी साल जनवरी के महीने में मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में सुब्रत रॉय की ब्रेन सर्जरी हुई थी। इसी अस्पताल में उनका निधन हुआ।

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सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर बुधवार को लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। उनके निधन पर समाजवादी पार्टी ने एक्स पर पोस्ट कर श्रद्धांजलि दी है।

सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून 1948 को हुआ था। उनका निधन 75 साल की उम्र में हुआ है। वह भारत के प्रमुख बिजनेसमैन और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे। उन्हें सहाराश्री के नाम से भी जाना जाता था। उनके निधन से बिजनेस जगत में शोक की लहर है।

10 जून, 1948 को अररिया बिहार में जन्मे रॉय भारतीय बिजनेस का बड़ा चेहरा रहे। उन्होंने रियल एस्टेट, फाइनेंस, मीडिया और हॉस्पिटेलिटी समेत कई क्षेत्रों में नाम कमाया। रॉय ने गोरखपुर के सरकारी तकनीकी संस्थान से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी की। इसके बाद 1976 में संघर्षरत चिटफंड कंपनी सहारा फाइनेंस का अधिग्रहण करने से पहले उन्होंने गोरखपुर से बिजनेस में कदम रखा। 1978 तक उन्होंने इसे सहारा इंडिया परिवार में बदल दिया, जो आगे चलकर भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक बन गया।

रॉय के नेतृत्व में सहारा ने कई बिजनेस का विस्तार किया। समूह ने 1992 में हिंदी भाषा का समाचार पत्र राष्ट्रीय सहारा लॉन्च किया। 1990 के दशक के अंत में पुणे के पास महत्वाकांक्षी एम्बी वैली सिटी परियोजना की भी शुरुआत की।

फिर सहारा टीवी के साथ टेलीविजन क्षेत्र में प्रवेश किया। 2000 के दशक में सहारा ने लंदन के ग्रोसवेनर हाउस होटल और न्यूयॉर्क शहर के प्लाजा होटल जैसी प्रतिष्ठित संपत्तियों के अधिग्रहण के साथ अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं।

हालांकि अपनी व्यावसायिक सफलताओं के बावजूद रॉय को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के साथ एक विवाद के बाद अदालत में उपस्थित होने में विफल रहने के कारण उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया। इसके कारण उन्हें लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। रॉय को लंबे समय तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा। हालांकि उन्हें पैरोल पर रिहा कर दिया गया।

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Pushpendra Sharma

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Pushpendra Sharma

First published on: Nov 14, 2023 11:39 PM

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