Sabse Bada Sawal, 01 June 2023: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करने वाला हूं फ्री की गारंटी की। आजकल इसकी गूंज है। फ्री की गारंटी मतलब रेवड़ी। मेवा। साथ ही बात करूंगा जनकल्याण की। यानी सेवा। एक की सेवा दूसरे को मेवा और दूसरे की सेवा पहले को मेवा लगती है। इसमें जनकल्याण कहां गौण हो जाता है, इन्हें परिभाषित कौन करेगा या राजनीतिक चश्मे से परिभाषित किए जाएंगे। इस मुद्दे की गूंज 2024 के चुनाव तक सुनाई देने वाली है।
पीएम मोदी दो दिन पहले राजस्थान के अजमेर में थे। उन्होंने गारंटियों पर सवाल उठाया। कहा कि गारंटी की क्या गारंटी? ये जो गारंटी दी जा रही है उससे देश दिवालिया हो जाएगा। यह पहली बार पीएम ने नहीं कहा है। 16 जुलाई 2022 को पीएम मोदी ने इसके प्रति आगाह किया था। लेकिन नतीजा क्या निकला?
अखबारों में दिखा कि राजस्थान सरकार हर घर को 100 यूनिट बिजली मुफ्त देंगे। कर्नाटक में पांच गारंटियां कांग्रेस ने दी थी। सरकार भी बनी। बीजेपी से दोगुना सीटें हासिल की। अब पीएम ने गारंटी पर सवाल उठाया। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पलटवार किया। कहा कि जब पीएम रसूखदारों को पैसे बांटते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ता है। हम गरीबों को देते हैं तो मजाक बनाते हैं।
लेकिन ये अपने आप में एक विकट मुद्दा है। जब पीएम दिवालिया शब्द इस्तेमाल करते हैं तो यह अनायास नहीं होता है। यदि आप राज्यों के कर्ज का आंकलन करें तो हालात चिंताजनक है। राजस्थान का बजट दो लाख 65 हजार करोड़ का है। कर्ज पांच लाख 31 हजार करोड़ का है। यही हाल हिमाचल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों का है। लेकिन पीएम मोदी ने खुद एक लाभार्थी जाति पैदा की। 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। कोविड खत्म हो चुका है, लेकिन अभी भी मिल रहा है। उज्जवला गैस कनेक्शन, किसानों को छह हजार रुपए दिए जा रहे हैं। ये कोई खैरात नहीं है। ये हमारा पैसा ही है।
तो आज का सबसे बड़ा सवाल है कि फ्री की गारंटी से देश होगा दिवालिया? उद्योगपतियों का कर्ज माफ…गरीबों को दो तो मजाक? देखिए संदीप चौधरी के साथ बड़ी बहस
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