Swami Prasad Maurya Ramcharitmanas Controversy: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की को रामचरितमानस पर विवादास्पद टिप्पणी करने के मामले में राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में उनके खिलाफ चल रहे मुकदमे पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नोटिस जारी करके 4 हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
रामचरित मानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते मुकदमा झेल रहे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को SC से राहत- SC ने मौर्य के खिलाफ यूपी के प्रतापगढ़ में चल रही आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगाई। #SwamiPrasadMaurya #SC #UttarPardesh pic.twitter.com/D2IGMMyClS
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना था कि स्वस्थ आलोचना का मतलब यह नहीं है कि ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाए, जो लोगों की भावनाओं को आहत करें।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां उन्हें राहत मिल गई। स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में FIR दर्ज हुई है।
“अगर प्राण प्रतिष्ठा करने से पत्थर सजीव हो जाता है, तो प्राण प्रतिष्ठा कर देने से मुर्दा क्यों नहीं चल सकता है”
◆ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान
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रामचरितमानस के बारे में क्या बोले थे मौर्य?
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य अकसर विवादित बयान देते हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मौर्य ने एक बयान दिया था। उन्होंने कहा कि अगर पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा करने से वह सजीव हो सकता है तो फिर मुर्दे क्यों नहीं चल सकते? कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी समारोह में उन्होंने अपने संबोधन में यह बात कही थी।
मौर्य ने कहा था कि अयोध्या, राम मंदिर, प्राण प्रतिष्ठा का ड्रामा इसलिए किया जा रहा है, ताकि देश में बेरोजगारी का मुद्दा दब जाए। भगवान राम हजारों सालों से पूजे जा रहे हैं तो प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत क्या है। अगर वाकई धार्मिक अनुष्ठान होता चारों शंकराचार्य इसमें शामिल होते। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसका हिस्सा होतीं। भाजपा सिर्फ अपने पाप छिपाने के लिए इस तरह धार्मिक अनुष्ठान करके ड्रामा कर रही है।
सनातन विरोधी सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान :-
“अगर प्राण प्रतिष्ठा करने से पत्थर सजीव हो जाता है, तो प्राण प्रतिष्ठा कर देने से मुर्दा क्यों नहीं चल सकता है यह सब ढोंग और पाखंड है “इस पापी पर कब कारवाई करिएगा अखिलेश यादव जी?#SwamiPrasadMaurya #SamajwadiParty… pic.twitter.com/UtnK1UkzLD
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