Lok Sabha Elections 2024 Learning Tips For Congress: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। अब लोकसभा चुनाव 2024 की बारी है। राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रण में उतरने की बारी है, लेकिन इससे पहले कुछ मुद्दे हैं, जिन पर सभी को ध्यान देने की जरूरत है। बजट सेशन मौजूदा भाजपा सरकार का आखिरी सेशन होगा। ऐसे में INDIA गठबंधन को सीट बंटवाने के निष्कर्ष पर जल्द पहुंचना होगा। भाजपा को भी इसका खास ध्यान रखना होगा।
#WATCH | On INDIA alliance and recent statements of Mamata Banerjee & Bhagwant Mann, Congress leader Sachin Pilot says, “…In the end, all INDIA alliance partners will sit across the table and talk, and all matters will be sorted.” pic.twitter.com/zRKAkeXOXl
— ANI (@ANI) January 24, 2024
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गठबंधन में एकजुटता होना जरूरी
दूसरी ओर, जिस तरह से अयोध्या राम मंदिर को लेकर राजनीति हुई, उससे कुछ महत्वपूर्ण सबक भी भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) को सीखने की जरूरत है, क्योंकि अभी तक गठबंधन एक नहीं है। पश्चिम बंगाल और पंजाब पहले ही अपना रुख क्लीयर कर चुके हैं। बाकी राज्यों का रुख क्लीयर नहीं है, ऐसे में अगर गठबंधन बिना किसी तैयारी के चुनावी रण में उतरता है तो उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है। राहुल गांधी मैदान में हैं, लेकिन बैकअप मजबूत होना जरूरी है।
#MamataBanerjee leading from the front. What no other politicans feared to do it today. She did it in style. Next Prime of Minister of India 2024 is #didi #Mamtabanerjee She is alone woman warrior in this generation. She can take on anyone.#INDIA alliance announce #Didi as PM pic.twitter.com/Cwe5nVGxEz
— Politics decides our life. (@nagmnagm) January 22, 2024
संयोजक-अध्यक्ष में समन्वय जरूरी
चुनावी साल को देखते हुए INDIA गठबंधन को सबसे पहले अयोध्या के राम मंदिर टिप्पणियों पर रोक लगनी चाहिए। गठबंधन को एक मजबूत नारे पर काम करने पर भी ध्यान केंद्रित होना चाहिए। क्योंकि गठबंधन में कई बड़े चेहरे शामिल हैं तो ऐसे में किसी एक चेहरे पर फोकस करना आसान नहीं होगा, लेकिन संयोजक और अध्यक्ष के मुद्दे को एक मोड़ देने की जरूरत है, जो किसी भी दल तें वास्तव में काम करता है और विश्वसनीय है। यही दोनों पूरे गठबंधन को जनता के बीच स्थापित करेंगे।
हर घर, हर दर, बाहर, भीतर,
नीचे ऊपर, हर जगह सुघर,
कैसी उजियाली है पग-पग,
जगमग जगमग जगमग जगमग!आज प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अपने आधिकारिक आवास ‘ओक ओवर’ में दीपक जलाकर प्रदेश के लिए मंगलकामना की। pic.twitter.com/wbvQ465Lk9
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) January 22, 2024
राम मंदिर पर कांग्रेस में अंदरुनी विरोधाभास
INDIA गठबंधन में अंदरुनी विरोधाभास भी स्पष्ट हो गए हैं। कांग्रेस ने अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा नहीं लेने का साहस दिखाया, लेकिन कांग्रेस नेताओं में ऐसा देखने को नहीं मिला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया। अपने आधिकारिक आवास को भी दीयों से रोशन किया। राज्य भर में 300 से अधिक मंदिरों में रामलला की पूजा की गई। तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी ने 100 राम मंदिर बनवाने का वादा किया।
We cannot answer the Adani MOU with the Telangana CM.
We can’t answer Mamata leaving the Indian alliance.
Please don’t ask us out of syllabus questions.
Congress Party! #INDIAAllianceBreakUp #INDIAAlliance कांग्रेस पार्टी #CongressMuktBharat
इंडिया गठबंधन टूट गया पश्चिम बंगाल pic.twitter.com/HHQ6nGBwRn— TIger NS (@TIgerNS3) January 24, 2024
हिंदुत्ववादी भाजपाइयों का वोटबैंक भटक सकता
हरियाणा में कांग्रेस के दिग्गज नेता रणदीप सुरजेवाला और अन्य नेताओं ने भी राम मंदिर अयोध्या का स्वागत किया। इससे कांग्रेस के अंदरुनी गुटबाजी सामने आई, जबकि कांग्रेस हाईकमान ने राम मंदिर को भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यक्रम बताकर इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था। वहीं पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सर्वधर्म सभा की। वे कालीघाट मंदिर में भी गईं। ऐसे में मूल हिंदुत्ववादी भाजपा का वोट कांग्रेस और उसके सहयोगियों को नहीं जाएगा।
नारा और नेतृत्व बन सकते गेमचेंजर
गठबंधन को समझना चाहिए कि राजनीति में हर मोर्चे को एक बड़े नारे की ज़रूरत होती है, जो गेम-चेंजर साबित हो सकता है। 2004 में जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार अजेय लग रही थी और भारत ‘चमक रहा’ था। सोनिया गांधी और कांग्रेस ने ‘कांग्रेस का हाथ, आम आदमी के साथ’ के मजबूत जवाब के साथ इसे तोड़ दिया। आज भी मोर्चे को एक मजबूत नारे की जरूरत है। केवल कॉर्पोरेट्स पर हमला करना, इस सरकार को “कॉर्पोरेट हितैषी” कहना, काम नहीं आएगा।