नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भाजपा सरकार पर संविधान और संसदीय कानूनों की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की है। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक रूप से, जब भी विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव को अध्यक्ष द्वारा स्वीकार किया जाता था, तब तक कोई अन्य विधायी कार्य नहीं किया जाता था जब तक कि प्रस्ताव पर बहस और मतदान नहीं हो जाता।
पहले बहस को प्राथमिकता दें और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करें
राघव चड्ढा ने कहा- भाजपा सरकार नियमों का उल्लंघन कर रही है। नियमित कामकाज कर रही है और अविश्वास प्रस्ताव को संबोधित किए बिना विधेयक पारित कर रही है। उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया कि वे लोकसभा में अन्य मामलों पर आगे बढ़ने से पहले बहस को प्राथमिकता दें और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करें।
एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर का दौरा करेगा
राघव चड्ढा ने यह कहा कि राज्य के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और जमीनी स्थिति की बेहतर समझ के लिए इंडिया गठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर का दौरा करेगा। उन्होंने मणिपुर की गंभीर स्थितियों पर प्रकाश डाला, जिसमें हजारों लोग बेघर हो गए।
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वर्तमान मणिपुर सरकार को भंग क्यों नहीं किया गया
राघव चड्ढा ने कहा कि सैकड़ों लोगों की जान चली गई और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध हुए। उन्होंने राज्य के राज्यपाल और भाजपा नेताओं द्वारा बार-बार चिंता जताए जाने के बावजूद निष्क्रियता के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने सवाल किया कि वर्तमान मणिपुर सरकार को भंग क्यों नहीं किया गया और शांति बहाल करने और अनुच्छेद 355 व 356 जैसे संवैधानिक उपायों को क्यों नहीं अपनाया जा रहा है?
अगर मणिपुर अधिक सीटों वाला एक बड़ा राज्य होता
राघव चड्ढा ने जोर देकर कहा कि भाजपा का रवैया मणिपुर के अपेक्षाकृत छोटे आकार और केवल दो लोकसभा सीटों के कारण ऐसा है। उन्होंने कहा कि अगर मणिपुर अधिक सीटों वाला एक बड़ा राज्य होता, जैसे यूपी, जहां 80 सीटें हैं, तो सरकार की प्रतिक्रिया अलग होती या अगर मणिपुर में गैर-भाजपा सरकार होती तो केंद्र सरकार बहुत पहले ही राष्ट्रपति शासन लगा देती। मणिपुर की एक वीडियो की जांच सीबीआई द्वारा अपने हाथ में लेने के मामले पर उन्होंने कहा कि इसपर कार्रवाई करने में काफी देर हो चुका है। बीजेपी को 80-85 दिन लग गए कार्रवाई करने में जबकि राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण लोग हर दिन परेशान हो रहे हैं।