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Pushpa 2 का ‘रक्त चंदन’ क्यों है खास? करोड़ों में है कीमत, जानें क्या है IUCN स्टेटस

Pushpa 2 Red Sandalwood Price and IUCN Status: अल्लू अर्जुन की मशहूर फ्रेंचाइजी 'पुष्पा' लाल चंदन की अवैध स्मग्लिंग पर आधारित है। मगर क्या आप जानते हैं कि लाल चंदन आखिर इतना कीमती क्यों है? दुनिया में लाल चंदन की बढ़ती मांग के बावजूद ये विलुप्त होने की कगार पर है। आइए जानते हैं क्यों?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Dec 11, 2024 10:49
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Allu Arjun Pushpa 2 Red Sandalwood

Pushpa 2 Red Sandalwood Status: ‘पुष्पा नाम सुनकर फ्लावर समझे क्या, फायर है मैं…’ पुष्पा फिल्म का यह डायलॉग बच्चे-बच्चे की जुबां पर रहता है। हाल ही में अल्लू अर्जुन स्टारर फिल्म ‘पुष्पा 2’ भी रिलीज हो गई है, जिसे दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है। हालांकि पुष्पा फ्रेंचाइजी की कहानी लाल चंदन की स्मग्लिंग पर बनी है। इसे ‘रक्त चंदन’ भी कहा जाता है। फिल्म देखने के बाद आपको इतना अंदाजा तो लग ही गया होगा कि लाल चंदन काफी बेशकीमती होता है। तो आइए जानते हैं लाल चंदन के बारे में विस्तार से…

लाल चंदन का IUCN स्टेटस

दक्षिण भारत में काफी बड़े पैमाने पर लाल चंदन की स्मग्लिंग की खबरें सामने आती हैं। दरअसल लाल चंदन का नाम IUCN (International Union for Conservation of Nature) की लिस्ट में शामिल है। IUCN ने इसे खतरे के करीब (Near Threatened) की श्रेणी में रखा है। इससे साफ है कि लाल चंदन विलुप्त होने की कगार पर है।

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कहां मिलता है लाल चंदन?

दरअसल लाल चंदन सिर्फ आंध्र प्रदेश की शेषाचलम पहाड़ियों पर ही पाया जाता है। इसके अलावा लाल चंदन पूरे भारत में कहीं नहीं मिलता। शेषाचलम हिल्स की मिट्टी लाल चंदन उगाने के लिए बेस्ट मानी जाती है। इन पहाड़ियों की मिट्टी में पानी, एसिडिटी और कुछ जरूरी पोषक तत्वों का मिश्रण पाया जाता है, जिसमें लाल चंदन आसानी से ग्रो होता है।

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लाल चंदन के फायदे

बता दें कि लाल चंदन में कई मेडिकल प्रॉपर्टीज भी पाई जाती हैं। खून साफ करने से लेकर शराब में फ्लेवर एड करने के लिए लाल चंदन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा चंदन की लकड़ी काफी मजबूत होती है, जिसके कारण इनसे लक्जरी फर्नीचर भी बनाए जाते हैं। कई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स बनाने में भी लाल चंदन की लकड़ियों का उपयोग होता है।

चीन से भारत आया लाल चंदन

आपको जानकर हैरानी होगी कि लाल चंदन मूल रूप से भारत का नहीं है बल्कि चीन से लाया गया है। जी हां, चीन के किंग साम्राज्य (Qing Dynasty) में लाल चंदन काफी मशहूर हुआ। पूर्वी एशिया में इसकी मांग बढ़ने लगी। चंदन की खूबसूरती और इसके बढ़ते उपयोग के कारण इसे भारत में लाया गया और शेषाचलम की पहाड़ियों पर लाल चंदन उगाने का एक्सपेरिमेंट सफल रहा।

विलुप्ती की कगार पर क्यों पहुंचा लाल चंदन?

अब सवाल यह है कि लाल चंदन आखिर विलुप्त क्यों होने लगा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है चंदन की लकड़ियों का कम होना। दरअसल चंदन का एक पेड़ 50-60 साल में पूरी तरह तैयार होता है। जहां एक तरफ चंदन का पेड़ बड़ा होने में समय लगाता है, तो वहीं इसकी कटाई तेजी से हो रही है। अवैध स्मग्लिंग के कारण चंदन के पेड़ खत्म हो रहे हैं।

लाल चंदन की कीमत

क्या आप जानते हैं कि लाल चंदन की कीमत कितनी है? लाल चंदन की लकड़ियां लाखों में बिकती हैं। आंकड़ों की मानें तो 1 किलोग्राम लाल चंदन की लकड़ी की कीमत 90,000 से 1.5 लाख के बीच होती है। ऐसे में चंदन की लकड़ियां करोड़ों में बिकती हैं। यही वजह है कि एशिया समेत कई देशों में लाल चंदन की लकड़ी का अवैध व्यापार होता है।

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Sakshi Pandey

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Sakshi Pandey

First published on: Dec 10, 2024 03:20 PM

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