Pooja Khedkar News : ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ बड़ा एक्शन लिया। सरकार ने तत्काल प्रभाव से पूजा खेडकर को नौकरी से बाहर निकाल दिया। उनकी सेवा समाप्त कर दी गई। आइए जानते हैं कि केंद्र ने किस मामले में पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की।
जानें केंद्र सरकार ने क्यों की कार्रवाई?
केंद्र की मोदी सरकार ने आईएएस (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें आईएएस की नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। पूजा खेडकर पर यूपीएससी एग्जाम में ओबीसी और दिव्यांग कोटे के दुरुपयोग करने का आरोप है। हालांकि, यूपीएससी ने पहले ही पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को रद्द कर दिया था और उन्हें हमेशा के लिए यूपीएससी एग्जाम से वंचित कर दिया था।
यह भी पढ़ें : ‘UPSC के पास डिस्क्वालीफाई करने की ताकत नहीं’, पूजा खेडकर ने हाईकोर्ट के सामने किया नया दावा
Central Government discharges Puja Manorama Dilip Khedkar, IAS Probationer (MH:2023), from the Indian Administrative Service (IAS) under Rule 12 of IAS (Probation) Rules, 1954, with immediate effect: Sources pic.twitter.com/yoCuHKgNEk
— ANI (@ANI) September 7, 2024
पूजा खेडकर पर क्या लगा आरोप?
आरोप है कि साल 2020-21 में पूजा खेडकर ने ओबीसी कोटे के तहत यूपीएससी की परीक्षा दी थी, जिसमें उनका पूजा दिलीपराव खेडकर नाम था। इसके बाद उन्होंने 2021-22 में फिर ओबीसी क्रीमी लेयर और दिव्यांग कोटे के तहत एग्जाम दिया, जिसमें उनसे पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर नाम का प्रयोग किया। इस परीक्षा में वह सफल होकर आईएएस बन गईं।
यह भी पढ़ें : IAS बनने के लिए 7 बार बदला नाम! सामने आया कारनामों का पूरा लेखा-जोखा, UPSC ने किया बैन
पूजा खेडकर ने अपनी पहचान बदलने की कोशिश की
पूजा खेडकर पर भी यह भी आरोप लगा है कि उन्होंने न सिर्फ अपना नाम बदला था, बल्कि अपने माता-पिता के नाम, फोटो, साइन, ईमेल, फोन नंबर और एड्रेस में भी हेराफेरी की थी, ताकि उनकी पहचान बदल सके। आपको बता दें कि पूजा खेडकर को बतौर ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पुणे में पहली पोस्टिंग मिली थी, जहां वह विवादों को लेकर सुखियों में आ गईं। इसके बाद पुणे के कलेक्टर के लेटर पर राज्य सरकार ने उनका ट्रांसफर वाशिम जिले में कर दिया था।