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तीन घंटे चली मंत्रिपरिषद की बैठक, पीएम मोदी ने की अध्यक्षता, इन बड़े मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों और मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी से 2047 तक के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाएं और 'क्या किया गया' से अधिक 'अब क्या करना है' पर ध्यान केंद्रित करें। पढ़ें कुमार गौरव की रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Jun 4, 2025 22:43
Narendra Modi Chaired meeting
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित मंत्रीपरिषद की अहम बैठक में सरकार की अब तक की उपलब्धियों की समीक्षा के साथ-साथ आने वाले वर्षों के लिए रणनीतिक दिशा तय करने पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि अब समय “बीते समय से तुलना” करने का नहीं, बल्कि “भविष्य के लिए कार्ययोजना” तय करने का है।

सरकारी कार्यों का प्रभावी संप्रेषण प्राथमिकता

प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मंत्रियों से कहा कि बीते 11 वर्षों में सरकार द्वारा किए गए कार्यों और उपलब्धियों को जनता के बीच प्रभावी ढंग से पहुंचाया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि विभिन्न नीतियों, योजनाओं और उनके ठोस परिणामों को जनसंपर्क अभियानों के जरिए आम लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए, ताकि जनभागीदारी और जनसमर्थन और मजबूत हो।

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“युद्ध की प्रकृति बदल चुकी है” – पीएम मोदी

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने बदलते सैन्य परिदृश्य की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “पहले सेना को प्रेरित करने के लिए टैंक और लोगों से भरी रेलगाड़ियां दिखाई जाती थीं, अब लोग सोचते होंगे कि टैंक कहाँ हैं।” इस टिप्पणी के जरिए उन्होंने इस बात की ओर इशारा किया कि तकनीक-आधारित युद्ध और रणनीति की भूमिका आज कहीं अधिक निर्णायक हो गई है।

स्वदेशी रक्षा तकनीक को मिलेगा और बल

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में देश में विकसित तकनीकों और रक्षा उपकरणों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह न सिर्फ “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को मजबूत करेगा, बल्कि विदेशी तकनीक पर निर्भरता भी घटेगी।

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2047 के विजन को लेकर मंत्रालयों की प्रस्तुतियां

बैठक में विभिन्न मंत्रालयों द्वारा 2047 के रोडमैप को लेकर प्रस्तुतियां दी गईं

• सड़क परिवहन और रेल मंत्रालय ने भारत 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रमुख परियोजनाओं की रणनीति साझा की।
• जल शक्ति मंत्रालय ने “कैच द रेन” अभियान के तहत जल संचयन और जल संरक्षण पर आधारित योजनाओं की जानकारी दी।
• साथ ही मंत्रालय ने इंडस वॉटर ट्रीटी (सिंधु जल संधि) और अन्य जल परियोजनाओं पर भी प्रस्तुति दी।

स्वास्थ्य मंत्रालय का फोकस – मोटापा और खानपान में सुधार

बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय ने मोटापा नियंत्रण (Obesity Control) को लेकर विशेष प्रस्तुति दी। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर जंक फूड से परहेज और तेल की खपत में 10% की कटौती को प्रोत्साहित करने की बात कही। सरकार का उद्देश्य है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए व्यवहारिक बदलाव को बढ़ावा दिया जाए।

सेंट्रल विस्टा में होगा कार्यालयों का स्थानांतरण

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि सरकारी मंत्रालयों और कार्यालयों को चरणबद्ध तरीके से सेंट्रल विस्टा परिसर में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब पर्याप्त स्थान उपलब्ध हो जाएगा, तो सभी मंत्रालय वहां स्थानांतरित कर दिए जाएंगे, और नॉर्थ व साउथ ब्लॉक को अन्य उपयोगों में लाया जाएगा।

अन्य मंत्रालयों की प्रस्तुतियां और भविष्य की रणनीति

बैठक में अन्य मंत्रालयों ने भी अपनी योजनाओं, अब तक की उपलब्धियों और भविष्य की रणनीति पर विस्तार से प्रस्तुति दी। प्रधानमंत्री ने समस्त मंत्रियों और अधिकारियों से आह्वान किया कि वे अभी से 2047 तक के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाएं और “क्या किया गया” से अधिक “अब क्या करना है” पर ध्यान केंद्रित करें।

यह बैठक न सिर्फ सरकार के 11 वर्षों की यात्रा की पुनर्परिचर्चा थी, बल्कि यह स्पष्ट संकेत भी था कि अब सरकार की निगाहें 2047 के नए भारत के निर्माण पर टिकी हैं, जहां जनभागीदारी, तकनीकी आत्मनिर्भरता और प्रभावी प्रशासनिक ढांचा देश को अगले पड़ाव तक ले जाएगा।

First published on: Jun 04, 2025 10:42 PM

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