G20 Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया के बाली में हैं। मंगलवार को पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर विश्व के अन्य देशों के नेताओं के सामने अपनी बातें रखी और अमेरिकी राष्ट्रपति, चीनी राष्ट्रपति, ब्रिटेन के पीएम समेत अन्य देशों के नेताओं से मुलाकात भी की।
बुधवार को पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य नेताओं के साथ बाली के तमन हुतन राया मैंग्रोव फॉरेस्ट का दौरा किया और पौधे लगाए। बाली दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी मैंग्रोव जंगल पहुंचे। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने पीएम मोदी का स्वागत किया।
PM Modi and US President Biden exchange greetings at the Mangrove forest visit in Bali, Indonesia during the #G20Summit2022 pic.twitter.com/qv7cqKWmab
— ANI (@ANI) November 16, 2022
खास अंदाज में पीएम मोदी ने स्वीकार किया बाइडेन का अभिवादन
इस दौरान जो बाइडेन ने खास अंदाज में सलामी देते हुए पीएम मोदी का अभिवादन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी हाथ उठाकर इशारों में उनका अभिवादन स्वीकार किया। बता दें कि सोमवार को बाली पहुंचे पीएम मोदी के ‘डिजिटल परिवर्तन’ पर आधारित जी20 के तीसरे कार्य सत्र में भाग लेने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया के बाली में G20 शिखर सम्मेलन से इतर आठ देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। प्रधानमंत्री के इंडोनेशिया, स्पेन, फ्रांस, सिंगापुर, जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय समझौते होने की उम्मीद है।
#G20Summit के दौरान PM मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाक़ात की @narendramodi @EmmanuelMacron pic.twitter.com/P3rWQoSBjc
— News24 (@news24tvchannel) November 16, 2022
भारतीय समुदाय का भी पीएम मोदी ने जताया था आभार
रविवार रात बाली पहुंचने पर पीएम मोदी का पारंपरिक स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बाली में गर्मजोशी से स्वागत के लिए भारतीय समुदाय का आभारी! मंगलवार को पीएम मोदी ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर G20 कार्य सत्र को भी संबोधित किया, जहां उन्होंने यूक्रेन में बातचीत और कूटनीति के पक्ष में भारत की दीर्घकालिक स्थिति को दोहराया और कहा हमें कीव में युद्धविराम के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा।
उन्होंने यह भी कहा, “पिछली शताब्दी में द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया में कहर बरपाया। उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का मार्ग अपनाने का गंभीर प्रयास किया। अब हमारी बारी है। एक नई विश्व व्यवस्था बनाने का दायित्व हमारे लिए कोविड के बाद का समय हमारे कंधों पर है। दुनिया में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाना समय की मांग है।’
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