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पीएम मोदी ने किया चिनाब ब्रिज का उद्घाटन, वंदे भारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी

पीएम मोदी आज एक दिन के जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। यहां पर उन्होंने चिनाब ब्रिज, अंजी केबल ब्रिज राष्ट्र को समर्पित किया। इसके साथ ही घाटी को देश से जोड़ने वाली वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Jun 6, 2025 13:36
PM Modi Chenab Bridge Inauguration
पीएम मोदी ने किया कटरा ब्रिज का उद्घाटन (Pic Credit-ANI)

पीएम मोदी आज जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज, अंजी केबल ब्रिज और कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। उद्घाटन के बाद पीएम ने ट्रेन के इंजन में बैठ कर ब्रिज का निरीक्षण भी किया। पीएम के साथ इस दौरान सीएम उमर अब्दुल्ला, एलजी मनोज सिन्हा, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद रहे। इस ब्रिज के उद्घाटन से अब कश्मीर घाटी पूरे साल के लिए देश के बाकी हिस्से जुड़ी रहेगी। इससे पहले सर्दियों के दिनों में बर्फबारी के कारण रोड बंद रखनी पड़ती थी।

पीएम मोदी कटरा स्टेडियम में जम्मू-कश्मीर को 46 हजार करोड़ रुपये की सौगात देंगे। इससे पहले  पीएम मोदी ने चिनाब ब्रिज का निरीक्षण किया।

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पीएम मोदी ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना पर बनी एक एग्जीबिशन भी देखी। इस दौरान उनके साथ सीएम उमर अब्दुल्ला, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे। इसके साथ ही पीएम ने परियोजना से जुड़े लोगों से भी बातचीत की।

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कांग्रेस ने उठाए सवाल

इस बीच इसको लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सवाल उठाते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री शासन में निरंतरता को कभी स्वीकार नहीं करते क्योंकि वे हमेशा आत्म-प्रशंसा और आत्म-प्रचार की तलाश में रहते हैं। ब्रह्मोस मिसाइल भी शासन में निरंतरता का एक उदाहरण है।” उन्होंने आगे कहा कि “उदमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे परियोजना को मार्च 1995 में मंजूरी दी गई थी जब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे। मार्च 2002 में, अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जब वे प्रधानमंत्री थे। चिनाब पुल के लिए सभी अनुबंध 2005 में दिए गए थे।

आज का दिन जम्मू-कश्मीर के लोगों और भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, लेकिन निरंतरता में शासन को मान्यता दी जानी चाहिए। यह पिछले 30 वर्षों की सामूहिक उपलब्धि है। लगातार प्रधानमंत्रियों ने इन परियोजनाओं को वास्तविकता बनाने के लिए काम किया है”।

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First published on: Jun 06, 2025 11:45 AM

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