Pakistani family living in India for 10 years: पाकिस्तान मूल की दो महिला समेत चार लोग पिछले 10 साल से इंडिया में छिपे बैठे हैं। फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे उन्होंने अपने हिन्दू नाम रखे हुए थे। किसी तरह इस बात की भनक खुफिया एजेंसियों को लगी। जिसके बाद बेंगलुरु से चारों को पकड़ा गया है।
पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान राशिद अली सिद्दीकी (48), उनकी पत्नी आयशा (38) और उनके माता-पिता हनीफ मोहम्मद (73) और रूबीना (61) के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार ये परिवार बेंगलुरु के देहात इलाके में राजापुरा गांव में रह रहा था। राशिद ने अपना नाम शंकर शर्मा पत्नी का नाम आशा रानी और माता-पिता का नाम राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा रखा हुआ था।
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Pakistani family living under ‘Sharma’ identity in India caught after 10 yearshttps://t.co/sGH15bZP8J
-via inshorts do we call the inefficient officers and get them behind @DrSJaishankar pic.twitter.com/cv9IC2TIYE---विज्ञापन---— Bala A Kumar (@balaakumar) September 30, 2024
फरार होने की फिराक में पाकिस्तानी
जानकारी के अनुसार जब जांच एजेंसियां उन्हें पकड़ने पहुंची तो वह पैंकिंग कर रहे थे और वहां से फरार होने की फिराक में थे। छानबीन में उनके पास फर्जी नाम से इंडिया के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मिले। फिलहाल खुफिया एजेंसी ने ये खुलासा नहीं किया है कि ये चारों भारत में किस मिशन पर थे? उन्होंने अब तक पाकिस्तान में अपने आकाओं तक क्या जानकारी पहुंचाई है?
किराए के मकान में रह रहे थे
छानबीन में पता चला कि राशिद और उसका परिवार कराची का रहने वाला है और उनकी पत्नी लाहौर की रहने वाली है। दोनों की साल 2011 में शादी हुई थी, जिसके बाद वह पाकिस्तान से बांग्लादेश फिर इंडिया में दाखिल हुए और तभी से किराए के मकान में रह रहे थे। जिस जगह से चारों को पकड़ा गया है वे वहां पिछले 6 सालों से रह रहे थे।
शर्मा परिवार के नाम से थी पहचान
जांच एजेंसियों के अनुसार आरोपी पहले बांग्लादेश के ढाका में रहते थे। पड़ोसियों ने बताया कि वह हिन्दु रीति-रिवाजों को मानते थे और मंदिर में जाते थे। वह दिवाली, होली सभी त्यौहार मनाते थे सभी उन्हें शर्मा परिवार के नाम से जानते थे। इस पूरे मामले से जांच एजेंसियां सकते में हैं। आरोपियों के पुराने कॉल रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
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