Pahalgam Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हैं। बैसरन घाटी के मैदानी क्षेत्र में गोलीबारी की इस घटना के बाद कई सवाल लगातार उठ रहे हैं। मसलन, कुल कितने आतंकी थे? क्या घाटी में किसी स्थानीय ने इनका साथ दिया? आतंकियों के स्कैच और फोटो जारी होने के बावजूद वे पहुंच से दूर कैसे हैं? क्या वे मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं करते? आइए इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
7 आतंकियों के होने की आशंका
जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकियों की जानकारी देने के लिए 20 लाख के इनाम की घोषणा की है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना में कुल 7 आतंकियों के होने की आशंका है। इनमें 5 आतंकी पाकिस्तानी और 2 स्थानीय हो सकते हैं। हालांकि कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि तीन आतंकवादियों आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा की पहचान कर ली है। वे पहले पुंछ में भी एक्टिव रह चुके हैं।
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फिलहाल सभी की पहचान पुख्ता नहीं हो पाई है। हमले की जिम्मेदारी लश्कर ए तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएस ने ली है। जिसका सरगना पाकिस्तान में है। रिपोर्ट में एक सैन्य अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि आतंकियों ने जिस तरह की उर्दू बोली, वह पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में बोली जाने वाली भाषा है।
#WATCH | Delhi: Foreign Secretary Vikram Misry says, “The Defence/Military, Naval and Air Advisors in the Pakistani High Commission in New Delhi are declared Persona Non Grata. They have a week to leave India. India will be withdrawing its own Defence/Navy/Air Advisors from the… https://t.co/qGEQUfHwlZ pic.twitter.com/yziqd7PLtI
— ANI (@ANI) April 23, 2025
कहां भाग गए आतंकी?
माना जा रहा है कि सभी हमलावर इस घटना के बाद पीर पंजाल रेंज के ऊंचे इलाकों में भाग गए हैं। अधिकारी के मुताबिक, बड़ा और घना जंगल एक तरफ हपतनार तो दूसरी तरफ चंदनवारी से जुड़ता है। आतंकवादी जहां भागे थे, उसके आधार पर वे त्राल तक भी पहुंच सकते हैं। हालांकि सेना, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से लगातार तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हेलीकॉप्टर से भी खोज की जा रही है, लेकिन यहां एक बड़ी समस्या घने जंगल हैं।
क्या मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते आतंकी?
रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी किसी भी तरह के कम्यूनिकेशन गैजेट का इस्तेमाल नहीं करते, ताकि वह सुरक्षा एजेंसियों के रडार से दूर रह सकें। साथ ही वे जंगलों में से माइनस 10 डिग्री तापमान होने के बावजूद नहीं निकलते। वे जल्द से जल्द अपने ठिकाने भी बदलते रहते हैं। ऐसे में उनके बारे में इनपुट मिलना थोड़ा मुश्किल काम हो जाता है। हालांकि आतंकी हमलों को बॉडी या गन-माउंटेड कैमरों के जरिए शूट किया जाता है। जिसका इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा दुष्प्रचार के लिए करता है। संभवतया आतंकियों ने इस घटना को भी शूट किया होगा।
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मिली बिना नंबर की बाइक
रिपोर्ट में अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि घटनास्थल के पास से एक बिना नंबर की बाइक भी मिली है। इसकी जांच की जा रही है, लेकिन फिलहाल ये नहीं कहा जा सकता कि इसका इस्तेमाल इस घटना में हुआ है।
भारत का सख्त रुख
इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किया है। न केवल पाकिस्तानियों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं, बल्कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले सिंधु जल समझौते को भी स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही दिल्ली में मौजूद पाकिस्तानी उच्चायोग बंद करने के साथ ही पाकिस्तानी दूतावास से जुड़े अधिकारी रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को एक हफ्ते के भीतर भारत छोड़ना होगा।