Odisha: ओडिशा पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) ने रविवार को पाक खुफिया एजेंसियों के साथ सिम कार्ड, OTP शेयर करने के आरोप में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। ओडिशा एसटीएफ ने एक बयान में ये जानकारी दी।
आर्थिक अपराध शाखा और विशेष कार्य बल के इंस्पेक्टर जनरल जय नारायण पंकज ने बताया कि STF ओडिशा को ख़बर मिली थी कि कुछ लोग पहले से सक्रिय सिम में OTP जेनरेट करके साइबर क्रिमिनल को बेचते थे, साथ ही ये OTP पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव एजेंट को शेयर करते थे। मामले में 3 लोगों को पकड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि ये लोग जिन्हें OTP बेचते थे वे व्हाट्सएप, टेलीग्राम व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारतीय पहचान बनाकर अकाउंट बनाते थे। अब तक 50-60 सिम सीज़ की गई है, ऐसे 1000 से अधिक सिम भी हो सकते हैं। हम आगे की जांच कर रहे हैं।
#WATCH STF ओडिशा को ख़बर मिली थी कि कुछ लोग पहले से सक्रिय सिम में OTP जेनरेट करके साइबर क्रिमिनल को बेचते थे, साथ ही ये OTP पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव एजेंट को शेयर करते थे। मामले में 3 लोगों को पकड़ा गया है। ये लोग जिन्हें OTP बेचते थे वे व्हाट्सएप, टेलीग्राम व अन्य सोशल… pic.twitter.com/a421Ylmfr7
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नयागढ़ और जाजपुर के तीन आरोपियों को दबोचा
एसटीएफ ने कहा कि खुफिया इनपुट के आधार पर ओडिशा एसटीएफ ने नयागढ़ और जाजपुर जिले के तीन आरोपियों को पकड़ा और उनकी पहचान पठानिसमंत लेंका (35), सरोज कुमार नायक (26) और सौम्या पटनायक (19) के रूप में हुई है। छापे के दौरान उनके कब्जे से 19 मोबाइल फोन, 47 एक्टिव सिम कार्ड, 61 एटीएम कार्ड, 23 सिम कवर और लैपटॉप जब्त की गई है।
बताया गया कि इन ओटीपी का इस्तेमाल व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया और अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर विभिन्न अकाउंट और चैनल बनाने के लिए किया जाता था। इनका उपयोग ईमेल अकाउंट खोलने में भी किया जाता है। लोग सोचेंगे कि ये अकाउंट्स भारतीय के हैं लेकिन वास्तव में पाकिस्तान से संचालित होते हैं।
ओडिशा एसटीएफ के मुताबिक, पकड़े गए तीनों संदिग्ध धोखाधड़ी से दूसरे के नाम पर बड़ी संख्या में सिम खरीद रहे थे। वे पाकिस्तान और भारत में कुछ पीआईओ और आईएसआई एजेंटों समेत विभिन्न ग्राहकों को ओटीपी बेच रहे थे। बदले में उन्हें भारत में स्थित कुछ पाकिस्तानी एजेंटों की ओर से भुगतान किया जाता था। वे एक महिला पीआईओ एजेंट के साथ संपर्क में भी थे, जिसे पिछले साल एक आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और राजस्थान में हनी-ट्रैप मामले में गिरफ्तार किया गया था।