पटना: बिहार में एनडीए से बाहर निकलने के बाद नीतीश कुमार की नजर अब दिल्ली पर है। महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में हैं। ऐसे में नीतीश युवाओं की मांग पर तत्काल प्रभाव से एक्शन ले रहे हैं। बेरोजगारों को नाराज करने का रत्ती भर रिस्क नहीं उठा रहे हैं। शिकायतें आ रही हैं तो चट सुनवाई और पट एक्शन हो रहा है।
बिहार में दस दिन के अंदर नीतीश कुमार ने छात्रों की मांग पर बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर बीपीएससी के दो फैसले पलट दिया है। बता दें कि पहले बीपीएससी कैंडिडेट्स ने दो पाली (शिफ्ट) में परीक्षा लेने और पर्सेंटाइल सिस्टम का विरोध करते हुए पटना में प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन में पुलिस ने लाठी भांजी थी।
इसके कुछ दिन पहले ही सातवें चरण की शिक्षक बहाली की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज से सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा था। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश ने फटाफट बीपीएससी मामले का संज्ञान लिया और मुख्य सचिव से लेकर बीपीएससी चेयरमैन तक को बुलाया। बीपीएससी चैयरमैन के साथ मीटिंग के बाद अब बीपीएससी पीटी की परीक्षा दो के बदले एक ही पाली में होगी।
बीपीएससी ने पीटी परीक्षा की तिथि 21 सितंबर जारी कर दी। युवाओं ने फिर से नारजगी जताई। नीतीश कुमार दिल्ली के दौरे पर थे, वहां उन्होंने कई पार्टियों के प्रमुखों से मुलाकात की। दिल्ली दौरे पर गए नीतीश कुमार से यूपीएससी और बीपीएससी दोनों की तैयारी कर रहे कुछ कैंडिडेट मिले और कहा कि 21 सितंबर को यूपीएससी की मुख्य परीक्षा है जबकि बीपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा का डेट रख दिया है। छात्रों ने कहा कि डेट के चलते उन लोगों को एक परीक्षा छोड़ना पड़ेगा जो दोनों देना चाहते हैं।
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नीतीश कुमार ने मिलने आए छात्रों को भरोसा दिया कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी। नीतीश गुरुवार पटना पहुंचे और शुक्रवार की दोपहर बीपीएससी पीटी परीक्षा की तारीख 21 सितंबर से बदलकर 30 सितंबर होने का फैसला आ गया।
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