MEA Press Conference: भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें निमिषा प्रिया, ईरान के साथ तेल व्यापार, ट्रंप के टैरिफ और भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध समेत कई मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी गई। निमिषा प्रिया की फांसी के मामले में प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि निमिषा प्रिया की फांसी की सजा हमारे प्रयासों की वजह से टली। यह एक पेचीदा मसला है और भारत सरकार हालातों पर नजर रखे हुए हैं।
निमिषा के परिवार से संपर्क में हैं। मीडिया से गुजारिश है कि मामले की संजीदगी को देखते हुए इस पर संभलकर रिपोर्ट करें। मामले में कुछ विदेशी मुल्क भी मदद कर रहे हैं। बता दें कि निमिषा प्रिया को यमन की कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। वह साल 2017 से यमन की सना जेल में कैद है। भारतीय नर्स निमिषा पर यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का केस दर्ज हुआ था। इसी मामले में उसे साल 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी।
#WATCH | Delhi | On the US announcing sanctions on Indian companies involved in trading with Iran, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "We have taken note of the sanctions, we are looking into it."
— ANI (@ANI) August 1, 2025
On US President Donald Trump's statement that India may purchase oil from… pic.twitter.com/z70NqIncos
कंपनियों पर अमेरिका के प्रतिबंध पर क्या कहा?
विदेश मंत्रालय की ओर से ईरान के साथ व्यापार करने वाली भारतीय कंपनियों पर अमेरिका के द्वारा प्रतिबंध लगाने की घोषणा पर कहा गया कि भारत सरकार ने अमेरिका के प्रतिबंधों पर ध्यान दिया है और प्रतिबंधों पर गहराई से विचार भी कर रहे हैं। भारत को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रूथ सोशल अकाउंट पर लिखे गए शब्द और बयान पर MEA ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच कॉम्प्रिहेंसिव ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप दोनों देशों के संबंधों को तय करती है।
MEA प्रवक्ता ने कहा कि भारत-अमेरिका की पार्टनरशिप कई चुनौतियां झेल चुकी है। दोनों देश अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने को लेकर केंद्रित हैं। हमें यकीन है कि दोनों देश सभी चुनौतियों से निपटने में कामयाब होंगे। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान पर कि भारत एक दिन पाकिस्तान से तेल खरीद सकता है, MEA प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है। रूस से तेल खरीदना शुरू करने के सवाल पर भी उन्होंने कुछ कहने से इनकार कर दिया।
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क्या है रूस से तेल खरीद का विवाद?
बता दें कि जुलाई 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने और रूस से तेल खरीदने के कारण अतिरिक्त जुर्माना लगाने की घोषणा की थी। राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को हाई लेवल का टैरिफ लगाने वाला देश और BRICS समूह का हिस्सा बताया। साथ ही भारत को अमेरिका विरोधी गठबंधन का हिस्सा माना। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि भारत रूस से तेल खरीदकर रूस को यूक्रेन युद्ध में मदद कर रहा है और यह अमेरिका के लिए सबसे बड़ी समस्या है। ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने वाली 6 भारतीय कंपनियों पर बैन लगाया है। कुछ कंपनियों ने रूस से तेल खरीदना पहले ही बंद कर दिया था। वहीं मामले में भारत का तर्क है कि सस्ता तेल आयात करके देश ने घरेलू ईंधन की कीमतों को स्थिर रखा है और वैश्विक बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की महंगाई को नियंत्रित करने में मदद की।