NIA News: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को विजयनगरम आईएसआईएस मामले में देशभर के 8 राज्यों में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। यह मामला आईईडी के जरिए आतंक फैलाने की साजिश से जुड़ा है, जिसमें सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आईएसआईएस में भर्ती करने की कोशिश की जा रही थी।
कहां-कहां हुई छापेमारी?
इस बड़े अभियान के तहत आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर 16 स्थानों पर तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान एनआईए को कई डिजिटल उपकरण, दस्तावेज, नकदी और आपत्तिजनक सामग्री मिली। आशंका है कि यह आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी हो सकती है।
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी और जांच
यह तलाशी अभियान 27 अगस्त 2025 को हुई एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी के बाद हुआ, जब एनआईए ने आरिफ हुसैन उर्फ अबू तालिब को सऊदी अरब के रियाद में गिरफ्तार किया। वह इस मामले में मुख्य आरोपी है। वह नेपाल बॉर्डर के जरिये हथियारों की आपूर्ति की साजिश रच रहा था और विदेश भागने की कोशिश कर रहा था।
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जुलाई में भी हुई धरपकड़
जुलाई 2025 में विजयनगरम पुलिस ने सिराज-उर-रहमान को गिरफ्तार किया था, जिसके पास से आईईडी बनाने में उपयोग होने वाले रसायन बरामद हुए थे। सिराज ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह और उसके साथी भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश में थे। इसके बाद, सैयद समीर को भी गिरफ्तार किया गया, जो इस साजिश का हिस्सा था।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया कि सिराज और समीर ने इंस्टाग्राम, फेसबुक, टेलीग्राम, सिग्नल जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश की थी। इसके अलावा, उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा था।
मामले की कानूनी स्थिति
इस मामले की जांच भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 और यूएपी (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जारी है। एनआईए की यह कार्रवाई भारत में आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट कर रही है।
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